उझानी(बदायूं)। नगर में साइबर ठग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये महिला एसीपी बनकर सर्राफा व्यापारी से रुपये ठग लिए। हैरानी की बात है कि व्यापारी पर कोतवाली पुलिस ने ही दवाब बनाकर रुपये ट्रांसफर करवाए। साइबर ठग ने जब दोबारा रुपयों की मांग की तब व्यापारी इक्कठा होकर कोतवाली पहुँच गए। पीड़ित व्यापारी ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मुहल्ला श्रीनारायण गंज निवासी आलोक अग्रवाल की शॉपिंग सेंटर में ज्वैलर्स की दुकान है। आलोक ने के मुताबिक बुधवार दोपहर उनके पास एक कॉल आई। दूसरी ओर से एक महिला बात कर रही थी। महिला खुद को एसीपी रजनी सिंह बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कुछ लोग पकड़े गए हैं और उनके पास चोरी के जेवरात मिले हैं। ये जेवरात तुम्हारी दुकान से खरीदे गए थे। इस पर आलोक कोतवाली पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुझसे ठगी करने की कोशिश की जा रही है, इसके बाद पुलिस की ओर से आश्वासन मिला तो वो वापस अपनी दुकान पर आकर बैठ गए।
जबरिया उठाकर ले गई पुलिस
अलोक ने बताया कि कुछ देर बाद कोतवाली में तैनात एसएसआई मनोज कुमार समेत चार-पांच सिपाही वहां पहुंचे और उन्हें जबरन दुकान से उठाकर अपने साथ कोतवाली ले गए। यहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि कॉल करने वाली महिला काफी तेजतर्रार एसीपी हैं। मुकदमे में फँसने की बजाए समझौता कर लो। इसके बाद खुद एसएसआई ने अपने नंबर से संबंधित नंबर पर कॉल करके बात की। बाद में कहा कि जो क्यूआर कोड मैडम भेज रही हैं, उन पर 26 हजार 700 रुपये ट्रांसफर कर दो। अलोक का कहना है कि पुलिस के दबाव में आकार उन्होंने रकम ट्रांसफर कर दी और वापस दुकान पर आ गया।
फिर आई कॉल तो पनपा आक्रोश
कुछ देर बाद उसी नंबर से व्यापारी के पास पुनः कॉल आई और 26 हजार रुपये दोबारा भेजने को कहा। इस पर व्यापारी ने आसपास के व्यापारियों को यह मामला बताया तो कई व्यापारी एकत्र होकर कोतवाली पहुंचे और यहां संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। उन्होंने लिखित शिकायत देकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है हालाँकि एसएसआई का कहना है कि हम व्यापारी को थाने नहीं लाए थे। थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनमें देखा जा सकता है। आरोप निराधार हैं।