मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश मुरादाबाद में मरीजों को लेने गई डॉक्टरों की टीम पर हमले की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा नियंत्रण अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है, साथ ही तोड़फोड़ में हुए संपत्ति के नुकसान की भरपाई दोषियों से ही की जाएगी।
मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के नवाबपुरा क्षेत्र में रहने वाला सरताज आठ अप्रैल को तबीयत बिगडऩे पर उपचार के लिए तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज पहुंचा था, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। सरताज तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुआ था, उसमे कोरोना लक्षण को देखते हुए नौ अप्रैल को उसका सैंपल लिया गया था। 13 अप्रैल को देर शाम उसकी रिपोर्ट मिली, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। उसी रात दस बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद देर रात सरताज के परिजनों को क्वारंटाइन के लिए आइएफटीएम यूनिवर्सिटी ले जाया गया।
सरताज के छोटे भाई को भी तीन दिन से बुखार होने के कारण उसे क्वारंटाइन के लिए ले जाने के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम नवाबपुरा पहुंची। टीम के वहां पहुंचने के बाद मुहल्ले के लोग एकत्रित होना शुरू हो गए और बाकी परिजनों को ले जाने का विरोध करने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें समझाने की कोशिश तो भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और देखते-देखते ही टीम पर हमलावर हो गए। लेकिन दर्जनों लोगों ने ऐंबुलेंस को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया। ऐंबुलेंस में मौजूद डॉ. एससी अग्रवाल को खींचकर लोगों ने पीटना शुरू कर दिया। चारों तरफ से पथराव होने पर वहां मौजूद पुलिस के सिपाही भी भाग निकले। इस दौरान आरोपियों ने डॉक्टर को बुरी तरह से पीटा और उन्हें बंधक बना लिया। इस पथराव में एम्बुलेंस और पुलिस की दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई, इसमें एक डॉक्टर सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हैं।
सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं। पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। मुख्यमंत्री ने आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई और दोषी व्यक्तियों द्वारा की गई सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई उन्हीं से करवाए जाने का आदेश दिया है। उन्होंने जिला और पुलिस प्रशासन को ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिह्नित कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
हमले की घटना के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि मौके पर डीएम और एसएसपी पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जघन्य अपराध है और दोषियों की शिनाख्त कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज पूरी तरह से सहयोग कर रहा है, लेकिन कुछ लोग अफवाह के चक्कर में ऐसी हरकतें कर रहे हैं।