बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में नरही थाने की वसूली मामले में सीएम योगी बड़ा ऐक्शन लिया है। सीएम ने एसपी और एएसपी का ट्रांसकर कर उनको वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है। थानेदार और चौकी इंचार्ज को एडीजी ने ही निलंबित कर दिया था। सीएम योगी ने सीओ को भी निलंबित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सीओ, एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की खुली विजिलेंस जांच का आदेश दिया है।
वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया नरही थाने पहुंचे थे। उनके साथ आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण भी मौजूद थे। दोनों अधिकारी सादी वर्दी में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सर्च ऑपरेशन चला दिया। सीनियर अधिकारियों को पहचानते ही हड़कंप मच गया। मौके से दो पुलिसकर्मियों समेत 20 लोगों को हिरासत में लिया गया था। नरही थाने में सर्च ऑपरेशन के दौरान कई आरोपियों पर कार्रवाई की गई। शराब, पशु तस्करी, लाल बालू की तस्करी समेत लगातार मिल रही कई शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई के दौरान 50 से अधिक मोबाइल और कई बाइक को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान एडीजी ने नरही थानाध्यक्ष का कमरा सील करा दिया था।
इस मामले में 7 पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष नरही समेत 5 पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए। ADG ने तत्काल एक्शन लेते हुए कोरंटाडीह चौकी के सभी 6 पुलिसकर्मियों और थानाध्यक्ष नरही पन्ने लाल को सस्पेंड कर दिया। इनके खिलाफ वहीं एफआईआर दर्ज हुई, जहां से ड्यूटी करते थे।
वहीं अब सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसपी बलिया देव रंजन वर्मा को हटा दिया गया है। इसके अलावा एडिशनल एसपी को भी हटाया गया है। सीओ को निलंबित किया गया है। सीएम योगी ने सीओ, SHO नरही और चौकी प्रभारी काेरंटाडीह की सम्पत्ति के जांच के भी निर्देश दिए हैं। एसपी-एएसपी का तबादला करते हुए प्रतीक्षा में रखा गया है।