लखनऊ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर जवान जब अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें प्रदेश पुलिस और PAC में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें निश्चित आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से पहले शुक्रवार शाम अपने सरकारी आवास पर सीएम योगी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के मन में उत्साह है। 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्वयं की राजनीति देश से बड़ी हो गई है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं। उनका काम है हर प्रगति वाले कार्य में टांग अड़ाना, अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, लोगों को भड़काना, गुमराह करना…लगातार उनके द्वारा ऐसा कृत्य किए जाते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया।
समय-समय पर रिफॉर्म अत्यंत जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश और समाज के लिए प्रगति और समृद्धि के नित नये प्रतिमान स्थापित करने के लिए समय-समय पर होने वाला रिफॉर्म अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। हर फील्ड में पिछले 10 साल में बेहतरीन रिफॉर्म हुए हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अथर्व्यवस्था को एक सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाने और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में लाने के लिए कार्य किये गये हैं। एक तरफ हम समृद्धि के नित नये सोपान छू रहे हैं, तब हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को भी उतना ही महत्व देना होगा। सेना और उनके साजो सामान में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदम हों या आधुनिकीकरण के लिए लिए गये त्वरित निर्णय, आज अत्याधुनिक फाइटर प्लेन भारत के पास हैं।
अग्निवीरों के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अग्निवीर में युवा उत्साह के साथ भर्ती हो रहे हैं। इसके बाद उन्हें पैरा मिलिट्री और सिविल पुलिस में समायोजित करने की व्यवस्था की जा रही है। यूपी सरकार ने भी कहा है कि जब ये युवा अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे तो हम यूपी पुलिस और पीएसी बल में इनके समायोजन की सुविधा और वेटेज देंगे। इसके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सेना में रिफॉर्म के इस अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सर्वोपरि मानते हुए हमें आगे बढ़ाना चाहिए।
बता दें अग्निवीर योजना भारत में 2022 में शुरू हुई थी। इसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना (नौसेना, थल सेना और वायुसेना) में सेवा देने का मौका दिया जाता है। 4 साल बाद चयनित हुए जवानों में से 25 प्रतिशत को परमानेंट कर दिया जाएगा और बाकी लोगों को सेवानिवृत्त (रिटायर) कर दिया जाएगा।