बदायूं। पोस्टमार्टम हाउस पर मृत महिला की आंखें गायब होने के मामले में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बड़ा एक्शन लिया है। शुक्रवार को सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय को निलंबित कर दिया गया। डिप्टी सीएम की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
ब्रजेश पाठक ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘जनपद बदायूं में मृतक महिला के पोस्टमार्टम के दौरान उसकी आँखे निकाले जाने के आरोपों संबंधी अत्यंत दुःखद प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बदायूं को अपने दायित्वों व कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करने व प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल होने के परिणाम स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही करने व निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से आरोपों की जांच कराए जाने के भी निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए गए हैं तथा प्रथम बार पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों एवं कार्मिकों का विवरण उपलब्ध कराये जाने हेतु अपर निदेशक, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण बरेली मंडल बरेली को निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपराध कारित करने वालों व ऐसे घृणित कृत्य करने वालों का कोई स्थान नहीं। उक्त प्रकरण में संलिप्त सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।’
क्या है मामला?
मुजरिया थाना क्षेत्र के ग्राम रसूला निवासी पूजा (20) ने फंदे से लटककर जान दे दी थी। सोमवार दोपहर उसके शव का पोस्टमार्टम कादरचौक सीएचसी के डॉ. मोहम्मद उवैस और जिला अस्पताल के क्षय रोग विभाग में तैनात डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन के पैनल ने किया था। पोस्टमार्टम के बाद मायके वाले जब पूजा का शव लेकर घर पहुंचे। जब बॉडीबैग खोला गया तो पूजा के आंखें नहीं थीं। मायके वालों ने पोस्टमार्टम के दौरान आंखें निकाले जाने का आरोप लगाकर डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद दोबारा पोस्टमार्टम और जांच कराई गई।
पोस्टमार्टम करने वाले दोनों डॉक्टर गिरफ्तार
डीएम के आदेश के दो दिन बाद पोस्टमार्टम हाउस पर महिला के शव की दोनों आंखे गायब होने के मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने दर्ज मुकदमे में दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दोनों डॉक्टरों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर दोनों डॉक्टरों को जेल भेज दिया गया।