लखनऊ। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से 73 पर लड़ी कांग्रेस के सिर्फ 3 नेता ही अपनी जमानत बचा पाए हैं। बाकी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। इसके अलावा शिवपाल यादव और राजा भैया के रिश्तेदारों ने भी अपनी जमानत खो दी है।
यूपी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी के जमकर चुनाव प्रचार के बावजूद भी कई दिग्गजों की जमानत जब्त हो गयी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पी.एल. पुनिया के बेटे तनुज, राज बब्बर, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद और अन्नू टण्डन बुरी तरह चुनाव हार गए। राज बब्बर आगरा क्षेत्र के पुराने नेता रहे हैं और मौजूदा दौर में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं लेकिन, इनकी भी बुरी हार हुई है। फतेहपुर सीकरी सीट पर राज बब्बर को 1 लाख 72 हजार 82 वोट मिले हैं. इस सीट पर जमानत बचाने के लिए 1 लाख 72 हजार 858 वोट चाहिए थे लेकिन, राज बब्बर इस आंकड़े से 766 वोट पीछे रह गए। लिहाजा उनकी जमानत चुनाव आयोग ने जब्त कर ली है।
कांग्रेस की लाज सिर्फ 3 सीटों पर बची है हालाँकि तीनों सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है। कानपुर में प्रकाश जायसवाल को 3 लाख 13 हजार वोट मिले हैं और वे दूसरे नंबर पर रहे हैं। सहारनपुर में इमरान मसूद ने भी अपनी जमानत बचा पाने में कामयाबी हासिल की है। इमरान मसूद को 2 लाख 7 हजार 68 वोट मिले हैं हालांकि वे तीसरे नंबर पर रहे लेकिन, जमानत बचाने के लिए जरूरी 2 लाख 5 हजार 2 सौ 91 वोट हासिल कर लिए। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी सीट हैं, जहाँ उन्हें करीबन 4 लाख 13 हजार वोट मिले हैं।
इस कड़ी में कुछ दूसरे भी बड़े नाम हैं, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई। वे फिरोजाबाद से चुनाव लड़े लेकिन, शिवपाल का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर एक लाख वोट भी हासिल नहीं कर पाए। शिवपाल को 91 हजार 869 वोट मिले, जमानत बचाने के लिए उन्हें 1 लाख 79 हजार वोट चाहिए थे।
वहीं प्रतापगढ़ में अजेय माने जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी की भी यही कहानी है। इस सीट से सांसद रह चुके राजा भैया के रिश्तेदार अक्षय प्रताप तो 50 हजार वोट भी नहीं ला पाए। महज 46 हजार वोट पाकर उन्होंने भी अपनी जमानत गंवा दी। इस सीट पर उनकी पुरानी प्रतिद्वन्द्वी राजकुमारी रत्ना सिंह को उनसे ज्यादा वोट मिले हैं। रत्ना सिंह को 77 हजार वोट मिले लेकिन, वे भी अपनी जमानत नहीं बचा पाईं।