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कोरोना: आम आदमी, धार्मिक आयोजन पर पाबंदी लेकिन नेताओं की सभाओं को खुली छूट

प्रतीकात्मक चित्र

बदायूं। जनपद में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। अब तक जिले में 23 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा धार्मिक आयोजनों पर सख्ती बरती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसी भी तरह का सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। इन सभाओं, बैठकों में शारीरिक दूरी का उल्लंघन कर भीड़ जुटाई जा रही है।

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार रात को 32 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोरोना के मामले में भी फिलहाल सबसे बुरी स्थिति कस्बा उझानी की है, मंगलवार रात को भी 13 मामले कस्बा उझानी से हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्ती बहुत जरुरी है, प्रशासन द्वारा धार्मिक आयोजनों पर सख्ती बरती जा रही है। अभी जन्माष्टमी, गणेश उत्सव और मुहर्रम को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती दिखाई दी और किसी भी तरह के आयोजन नहीं होने दिया गया। वहीं आम आदमी पर भी प्रशासन सख्त है, लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है। जहाँ प्रशासन लोगों पर कोरोना का खौफ दिखा रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों द्वारा कोरोना को जारी गाईडलाईन का पालन नहीं किया जा रहा है। राजनेताओं द्वारा उद्घाटन समारोह से लेकर जन्मदिन समारोह मनाने तक लोगो की भीड़ जुटाई जा रही है।

केंद्र सरकार ने अनलॉक 4 में 100 लोगों की अनुमति दी है। लेकिन इसके साथ ही सोशल डिस्टेंस, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है लेकिन राजनेताओं की सभाओं में इस पर कोई अमल नहीं होता। राजनीतिक कार्यक्रम में लोग अपने मुंह पर मास्क भी नहीं लगा रहे हैं। यह सब प्रशासन की जानकारी में होता है। मगर आज तक इसको लेकर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं दूसरी ओर धार्मिक आयोजन और आम जनता पर प्रशासन कोई न कोई कार्रवाई करता रहता है। यदि एक कोरोना मरीज इस सभा में शामिल हो गया तो कितने लोग संक्रमित होंगे यह प्रशासन अच्छी तरह से जानता है। यही प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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