उझानी(बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र में फूलपुर-प्रमिला नगर संपर्क मार्ग पर सुनसान इलाके में मिले कासगंज के दो युवकों के शव के मामले नया मोड़ आ गया है। शनिवार को परिजनों को घटनास्थल से लोहे की दो सरिया बरामद हुई हैं। इससे पुलिस की सड़क हादसे की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल परिजनों ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं दी है।
कासगंज जनपद के सोरों थाना क्षेत्र के गांव प्रहलादपुर निवासी हीरालाल लोधी (45) और ढोलना थाना क्षेत्र के गांव कुढ़ार निवासी इंद्रपाल (35) के शव गुरुवार शाम करीब पांच बजे बरेली-मथुरा हाईवे से जुड़े फूलपुर-प्रमिलानगर संपर्क मार्ग पर जंगल में मिले थे। स्थानीय राहगीरों ने शवों की सूचना पुलिस की दी थी। पुलिस ने दोनों शव उस वक्त मोर्चरी में रखवा दिए थे। इसके बाद पुलिस ने दोनों शव की पहचान कर उनके परिवार वालों को सूचना दी। वहीं शनिवार दोपहर को दोनों मृतकों के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे तो यहाँ उन्हें दो लोहे की सरिया बरामद हुई। इसके बाद डायल-112 पर सूचना दी। मामले की जानकारी पर थाना प्रभारी मनोज कुमार और एसओजी टीम भी पहुँच गयी और उन्होंने दोनों सरियों को अपने कब्जे में ले लिया।
पुलिस ने दर्ज की हादसे की रिपोर्ट
कोतवाली पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट हादसे में दर्ज की है। इस पर इंद्रपाल के भाई जयपाल का कहना है कि उन्होंने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी है। जयपाल का कहना है कि एक्सीडेंट जैसी चोट उनके भाई के शरीर पर नहीं थी। उनके भाई की हत्या हुई है। जयपाल ने बताया कि शनिवार को वो अपने भाई का मोबाइल तलाशने आए थे, इस दौरान उन्हें सरिया मिली। वहीं मृतक हीरालाल के पुत्र राजकुमार ने भी पिता की हत्या की आशंका जताई है।
पोस्टमार्टम में हादसे की पुष्टि नहीं
कासगंज के दो लोगों के शव का पुलिस ने शुक्रवार दोपहर पोस्टमार्टम कराया गया था। उनके शरीर पर जो चोटें मिली हैं, वह उनके सड़क हादसे में आने की पुष्टि नहीं हुई। चोटें धातु की किसी चीज के प्रहार से आने की आशंका जताई गई है।
इसीलिए भी उठ रहे हैं सवाल
कासगंज के दोनों युवकों के शव जिस फूलपुर-प्रमिलानगर संपर्क मार्ग पर मिले हैं, इस मार्ग पर उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं हैं। साथ ही यह आम रास्ता भी नहीं है, इस मार्ग पर प्रमिला नगर आखिरी गांव है। यहाँ बड़े वाहन भी नहीं चलते, इसके बावजूद पुलिस का इसे सड़क हादसा मानना सवालों के घेरे में है।
जमीन विवाद में हत्या की आशंका
हीरालाल के बेटे राजकुमार ने बताया कि उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। राजकुमार के मुताबिक ताऊ की मौत हो चुकी है जबकि उनका बेटा खेमकरन मानसिक रूप से कमजोर है। गांव के ही शख्स ने खेमकरन से जमीन का बैनामा करा लिया था। इस जमीन की कीमत करोड़ो में है, इस मामले में पिता हीरालाल ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया था। राजकुमार का कहना है कि हाल ही में कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है, इसके बाद उसने पिता को जान से मारने की धमकी दी थी।
इंद्रपाल की हत्या क्यों?
हीरालाल की हत्या जहाँ जमीन विवाद की वजह से मानी जा रही है वहीं इंद्रपाल की हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है। परिजनों की माने तो इंद्रपाल का किसी से कोई विवाद भी नहीं है। ऐसे में इंद्रपाल की हत्या क्यों की गयी, यह बात परिजनों की गले नहीं उतर रही। खास बात है कि दोनों मृतकों के परिवार एक दूसरे से परिचित नही है, दोनों गांवों में करीबन 25 किमी. का फासला है। ऐसे में दोनों में कैसे जान पहचान हुई और दोनों एक साथ घटनास्थल पर कैसे आए? अगर जमीन विवाद में हीरालाल की हत्या हुई तो इंद्रपाल को क्यों मारा गया? इन सभी सवालों का जवाब मिलना बाकी है। बताया जा रहा है कि इस वारदात में इंद्रपाल की भी अहम भूमिका है। वहीं इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि घटनास्थल से सरिया मिली है, मामले में हर पहलू पर जाँच की जा रही है।