बदायूं। शहर की जमीन में दौड़ रही मौत की लाइन ने अब दिव्यांग युवक को अपना शिकार बनाया है। सोमवार रात को दिव्यांग युवक ट्राई साइकिल से अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान उसकी साईकल पैनल बाक्स के सम्पर्क में आ गयी। करंट की चपेट में उसकी मौत हो गई।
शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी दिव्यांग रवित(25) पुत्र राजपाल देर रात ट्राई साइकिल से अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के बाबा कालोनी स्थित कैपिटल स्कूल के पास अंडरग्राउंड बिजली के पैनल बाक्स से उसकी ट्राई साइकिल छू हो गई। जिससे ट्राई साईकल में करंट दौड़ गया, करंट की चपेट में आकर रवित की मौत हो गई।
मृतक युवक के पिता राजपाल मुरादाबाद जनपद में सब-इंस्पेक्टर हैं, युवक बीकॉम फाईनल इयर का छात्र था। अचानक हुए इस हादसे से रवित के घर में कोहराम मच गया है। युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
शहर में अंडरग्राउंड केबल की वजह से लोगों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। यह योजना क्षेत्र में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है, बारिश के मौसम में तो यह जानलेवा बन जाती है। सड़क पर जलजमाव के कारण भूमि के अंदर बिछाई गई विद्युत के बिलों में धमाके के साथ चिंगारियां निकलती है। लोगों की जान जा रही है तो राहगीरों को करंट के झटके लग रहे हैं। पिछले दिनों मीराजी चौकी इलाके में गणित प्रवक्ता की अंडरग्राउंड केबल के तार की चपेट में आने से मौत हो गयी थी। विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने के लिए बॉक्स लगवाए हैं। लेकिन यहीं बॉक्स अब आमशहरी की जान ले रहे हैं।
सपा के ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा ने आगे बढाया
सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल भूमिगत विद्युत केबल योजना काम शहर बदायूं व सहसवान में 2016 में शुरू हुआ था। इसका ठेका मैनपुरी की एक कंपनी को दिया गया, ठेकेदार के तत्कालीन सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण काम की शुरुआत में ही जमकर मनमानी की गई। शहर में अंडरग्राउंड केबिल बिछाये जाने के समाजवादी पार्टी से ही विरोध की आवाजें उठी थीं। जुलाई 2016 में पूर्व विधायक आबिद रजा अपनी पार्टी से सांसद धर्मेन्द्र यादव के खिलाफ आवाज उठाई थी। आबिद का कहना था कि शहर अभी अंडरग्राउंड केबिल के लायक नहीं हैं। आबिद रजा की पत्नी फात्मा रजा उन दिनों नगर पालिका की चेयरमैन थीं। पालिका की ओर से केबल को मानक के अनुरूप न डालने की बात कहकर आपत्ति लगाई गई थी। इसके बाद आबिद रजा समाजवादी पार्टी से बाहर हो गए थे।
2018 में अंडरग्राउंड केबल का काम पूरा होने के साथ हादसे भी होने लगे। एक के बाद एक जानवर करंट की चपेट में आने लगे, कई बार लोगों को बिजली के झटके भी महसूस हुए। इस मामले में आरोपों के बाद शासन स्तर से जांच कराई गई थी। करीब दो सौ पन्ने की जांच रिपोर्ट तत्कालीन सीओ विजीलेंस जेएस पाटनी ने बनाई थी। इससे बड़ा घोटाला उजागर होने की उम्मीद थी पर सपा शासन की कारगुजारी पर भाजपा शासन में पर्दा पड़ा रहा और इस घोटाले में भाजपा सरकार में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। समाजवादी पार्टी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा ने रोकने की कोशिश भी नहीं की।