उझानी। नगर में अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। जिसके कारण हर दिन जाम लगता है। बावजूद इसके कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। इस बीच बदायूं-कछला रोड पर कल्याण सिंह चौक से मंडी समिति तिराहे तक सड़क को फोरलेन करने के प्रस्ताव पर काम चल रहा है लेकिन इस प्रस्ताव को पूरा होने के बावजूद भी नगर को जाम से मुक्ति नहीं मिलेगी। इसकी मुख्य वजह ‘अतिक्रमण जोन’ को ही फोरलेन की जद से बाहर रखा गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने नगर में बदायूं-कछला रोड को फोरलेन किए जाने का प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने बाजार में पैमाइश की। पैमाइश के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके तहत कल्याण सिंह चौक से पुराने बिजलीघर और कश्यप पुलिया से मंडी समिति तिराहे तक सड़क को फोरलेन किया जाएगा, साथ ही सड़क पर डिवाइडर लगेगा। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि मुख्य बाजार में घंटाघर चौराहे से कश्यप पुलिया तक खासकर पुरानी अनाज मंडी और अशफाक तिराहा तक चौड़ाई काफी कम है। पुराने बिजलीघर से कश्यप पुलिया तक बाजार में डिवाइडर नहीं बनेगा। जहाँ चौड़ाई कम है, वहां किसी तरह की तोड़ फोड़ नहीं की जाएगी।
अतिक्रमण से नहीं मिलेगी निजात
लोक निर्माण विभाग ने अतिक्रमण जोन पुराने बिजलीघर से कश्यप पुलिया को फोरलेन की जद से बाहर रखा है जबकि यह इलाका ही अतिव्यस्ततम बाजार है। खासकर घंटाघर चौराहे से अशफाक तिराहा तक भारी जाम लगता है। अन्य बाजारों से यहां ज्यादा भीड़ रहती है, जो रात 9-10 बजे के बाद ही छंटती है। इस इलाके में राहगीरों के लिए फुटपाथ नहीं बचा है, राहगीर वाहनों का सामना करते हुए सड़क मार्ग पर चलते हैं। दुकानदारों ने लोक निर्माण विभाग की भूमि पर पक्का निर्माण कर लिया है, इसके बाद दूसरी दुकान से प्रतिस्पर्धा में फुटपाथ पर ही सामान रख देते हैं। बाजार में खरीददारी करने आए ग्राहक सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। चार पहिया वाहन भी वहीं खड़े हाेते हैं। ऐसे में घंटाघर चौराहे से लेकर अशफाक तिराहा तक वाहनों की कतार लग जाती है। कछला की तरफ आने-जाने वाली एंबुलेंस हर दिन जाम में फंसती हैं।
सूची में 191 अतिक्रमणकारियों के नाम
नगर में अवैध रूप से कब्जा करने वाले 191 लोगों के नाम सूची में हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। दरअसल साल 2014 में भारतीय किसान यूनियन ने बाजार में अतिक्रमण के मुद्दे पर धरना दिया तो लोनिवि ने पैमाइश कराई थी। पैमाइश के बाद 191 व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण पर लाल निशान भी लगाए गए। सबसे ज्यादा अतिक्रमण घंटाघर चौराहे से अशफाक तिराहे तक मिला था। कुछ प्रतिष्ठान तो दस फुट अंदर तक अतिक्रमण की जद में हैं। इस मामले में प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने सरकारी जमीन को खाली करवाने का आदेश भी दिया था लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया।
फुटकर दुकानों के लिए व्यवस्था नहीं
नगर में जाम की एक बड़ी वजह फुटकर दुकानदार भी हैं। यह लोग सड़क किनारे दुकान, ठेले लगाकर व्यापार करते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि वेंडिंग जोन बनाकर पथ विक्रेताओं को स्थान दिया जाना था, जिससे वह अधिकृत रूप से काम धंधा कर सकें। वहीं भीड़भाड़ एवं अधिक यातायात वाले स्थानों को नॉन वेंडिंग जोन घोषित करना था, जिससे सड़कों पर जाम न लगे। नगर पालिका परिषद ने चार वेंडिंग जोन तो बनाए लेकिन इन दुकानदारों को वहां नहीं भेजा। इनके खिलाफ कोई एक्शन भी लिया। इस वजह से अतिक्रमण जोन समेत सड़क के मुख्य मार्गों पर ठेले-खोमचे वाले दिख जाएंगे। फुटपाथ को भी नहीं छोड़ा गया है। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत राहगीरों को हो रही है।
भाकियू नेता आसिम उमर ने बताया कि अगर फोरलेन को दो हिस्सों में बनाया जाएगा तो इससे नगर को कोई फायदा मिलेगा। जाम की सबसे बड़ी समस्या घंटाघर चौराहे से लेकर अशफाक तिराहा तक है। यहाँ हर दिन स्कूल बस, एम्बुलेन्स फंसती हैं। दुकानदारों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। फुटपाथ नाम की चीज नहीं हैं, लोग पैदल नहीं चल सकते हैं। अगर इस कब्जे को हटाकर फुटपाथ बनाया जाए तो न सिर्फ जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि नगर भी खूबसूरत हो जाएगा। वरना जाम की समस्या वैसी ही रहेगी।