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डीएम ने खोली ई-लॉटरी, 355 गरीब बच्चों को मिला स्कूलों में दाखिला

बदायूं। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को कक्षा एक में  प्रवेश दिलाने के तहत दूसरे चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया की सूचियां जारी कर दी गई हैं। जिले के 355 गरीब बच्चों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ने का मौका मिला है।

प्रथम चरण दिनॉक 14 फरवरी से 15 मार्च तक प्रथम चरण में 14 फरवरी से 15 मार्च तक वेबसाइट पर कुल 97 ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। जिसमें से प्रथम लॉटरी के बाद में 71 बच्चों को प्रवेश करा दिया गया है। उसके बाद द्वितीय चरण में 16 मार्च से 15 अप्रैल तक कुल 429 आवेदन, इनमें 363 स्वीकार किए गए। साथ ही 66 रिजेक्ट कर दिए गए। इसी क्रम में सोमवार को डीएम कार्यालय में द्वितीय चरण की लॉटरी निकाली गई। इसमें 284 बच्चों को विद्यालय आवंटित हुए। वहीं 79 बच्चों को विद्यालय आवंटित नहीं किया गया। अंतिम चरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया के तहत 23 मई तक आवेदन किए जा सकते हैं।

डीएम दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चे जो प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ाई का सपना देख रहे हैं मगर मौजूदा स्थिति में वे उन विद्यालयों में पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। ऐसे बच्चों के लिए सरकार की ओर से स्कीम चलाई जा रही है। जिसके तहत उन बच्चों के अभिभावकों को ऑन लाइन फार्म जमा करना होगा। प्रक्रिया के दौरान किसी कारणवश निरस्त हुए आवेदकों को दोबारा मौका दिया जाएगा। तीसरे चरण की आवेदन की अंतिम तिथि में दो दिन शेष बचे हैं। वह अपने अभिलेख पूरे करने के बाद दोबारा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वह माता-पिता का जाति प्रमाण पत्र, एक लाख रुपये से कम का आय प्रमाण पत्र, विधवा पेंशन, बेघर बच्चा, निशक्त बच्चा, माता-पिता का दिव्यांगता प्रमाण पत्र आदि जमा करके योजना का लाभ ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जब सरकार पढ़ने के लिए खर्च करने को तैयार है तो सभी को इसका लाभ लेना चाहिए। सभी लोगों से आह्वान किया कि वह क्षेत्र के साढ़े तीन से सात वर्ष तक के गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन करें। 23 मई तक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। योजनांतर्गत प्रवेशित बच्चों को कक्षा आठ तक प्राइवेट विद्यालयों में पूर्णता नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसमें नि:शुल्क प्रवेश के साथ ही विद्यालयों को फीस की धनराशि भी शासन देगा। साथ ही प्रतिवर्ष नवीन प्रवेशित बच्चों को पुस्तकें, दो सेट यूनिफार्म, जूता-मोजा आदि के लिए प्रति बच्चा पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

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