कछला (बदायूं)। कछला के गंगा घाट पर काशी की तर्ज पर मकरसंक्रांति से गंगा जी की महाआरती की शुरुआत हो गई है। डीएम के प्रयासों से जहाँ भागीरथ घाट जगमगा गया है वहीं स्थानीय लोगों के रोजगार में मुनाफा भी हुआ है।
बदायूं के डीएम दिनेश कुमार के प्रयासों से कछला का भागीरथ घाट हर शाम भक्तिमय नजर आ रहा है। हर दिन रंगबिरंगी रोशनी, घंटा घड़ियाल की धुन और गंगा माँ के जयकारों के साथ महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। पतित पावनी मां गंगा की महाआरती को देखने सैकड़ों की तादात में भीड़ जमा हो रही है, जिसमे बदायूं से ही नहीं बल्कि अन्य जिलों, राज्यों से भी श्रद्धालु आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के बैठने का उचित इंतजाम भी किया गया। घाट पर अब सफाई नजर आती है, सुरक्षा के भी बंदोबस्त किए गये हैं। डीएम के प्रयासों से जहाँ जिले का मान बढ़ा है वहीं स्थानीय निवासियों के रोजगार को ख़ासा बल मिला है।
कछला निवासी राजवीर कश्यप घाट पर छोले का ठेला लगाते हैं। लेकिन करीबन 7 साल से मुनाफे में कमी के कारण छोले का काम बंद करना पड़ा। छोले की आमदनी से परिवार को पालना मुश्किल था, एक बेहतर आमदनी के लिए राजवीर मजदूरी करने के लिए बाहर भी चले गये। उनका परिवार भी उनसे दूर हो गया घाट पर आरती की शुरुआत की खबर सुन वो वापस लौट आए। राजवीर बताते हैं कि 15 जनवरी से लगातार ठेला लगा रहे हैं, मुनाफे में खासी बढ़ोतरी है। इस बीच दो बार छोले की बुकिंग भी है। डीएम साहब ने बहुत अच्छा काम किया है।
भागीरथ घाट पर ही राजेश कश्यप करीबन 35 साल और वीरेंद्र कश्यप 10 साल से से छोले-मटर का ठेला लगा रहे हैं। उनका कहना है कि महाआरती से जितना मुनाफा हुआ है वो कभी नहीं हुआ। डीएम साहब ने घाट पर रौनक ला दी है, पहले यहाँ से शाम 5 बजे से सुनसान ही होने लगती थी। हमे भी काम जल्दी बंद करना पड़ता था लेकिन महाआरती की वजह से रात 8 बजे तक यहाँ खासी भीड़ रहती है जिससे मुनाफे में भी बढोत्तरी हुई है। घाट पर ही 10 साल से मूंगफली का ठेला लगा रहे मुकेश कश्यप कहते हैं कि डीएम साहब जैसा काम किसी ने नही किया, उनकी वजह से हमारा रोजगार तो बढ़ा ही है, इस महाआरती के दर्शन का लाभ भी हमे मिल रहा है।
करीबन 5 वर्षों से प्रसाद की दुकान लगा रहे योगेश श्रीवास्तव कहते हैं कि महाआरती की कभी यहाँ उम्मीद नही थी, डीएम साहब की वजह से हर दिन श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ गयी है जिससे मुनाफा अच्छा हो रहा है। वरना गंगा स्नान के दिनों में भी लोग ज्यादा आते थे। घाट पर अब सफाई भी नजर आ रही है। इसके अलावा भागीरथ घाट पर ही करीबन 30 स्टीमर नावें हैं। सुबह से ही पानी की लहरों को पीछे छोडती नावें जहाँ शाम 5 बजते ही नदारद हो जाती थी वो महाआरती तलक पानी के बीचों बीच वहीं थम जाती है। श्रद्धालु नावों में बैठकर गंगा आरती का नजारा देखते हैं जिससे नाविकों को भी मुनाफ़ा हो रहा है। नाविकों में दिनेश कश्यप, अनवर अली, शेर खान, जाविर भी जिलाधिकारी की प्रशंसा करते हैं।
डीएम के अनुकरणीय पहल की जहाँ जिले में वाहवाही हो रही है वहीं जिलाधिकारी भी इस भव्यता को बनाए रखने के लिए कोई कसर छोड़ने को तैयार नही हैं। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि गंगा आरती के समय पर्याप्त बिजली की आपूर्ति कराएं। गंगा आरती में श्रद्धालुओं को शामिल होने के लिए एआरएम रोडवेज को निर्देश दिए कि जगह चिह्नित कर रोडवेज बस अड्डे का निर्माण कराएं। इसके अलावा घाट पर वाहनों के लिए अस्थायी वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी कर दी गयी है। जाहिर है कि कछला भगीरथ घाट हुए इस आयोजन से जिले के इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया और निश्चित तौर पर वहां जिलाधिकारी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है।
ADVERTISEMENT