उझानी(बदायूं)। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के योगी सरकार लाख दावे कर ले लेकिन पुलिस व्यवस्था इन दावों पर पलीता लगाने में जुटी हुई है। लोग अपनी समस्याओं को लेकर कोतवाली में जाते हैं लेकिन सुनवाई करने की बजाए दुत्कार कर भगा दिया जाता है। इसके बाद जिला स्तरीय अधिकारी पीड़ित की समस्या को सुन तो लेते हैं और प्रार्थना पत्र को इलाके के थाने को भेज भी कर देते हैं। लेकिन थाना प्रभारी तो अपने मन और अपने हिसाब से काम करते हैं। इसी के चलते कोतवाली क्षेत्र के एक गांव दो माह पूर्व अपहृित लड़की के मामले में पुलिस नकारा बनी हुई है। वहीं पीड़ित परिवार अब आत्महत्या करने को मजबूर है।
उझानी कोतवाली क्षेत्र के गांव प्रमिलानगर से एक नाबालिग लड़की को दबंगो ने उठा लिया था। घटना 17 मई की है। 13 वर्षीय लड़की अपने छोटे बहन-भाइयों के साथ जानवरों से खेत में गन्ने की रखवाली कर रही थी, इसी दौरान पड़ोसी गांव के चार दबंग लोग लड़की को उठाकर ले गए। वारदात तीनो छोटे भाई बहनों के सामने हुई। जिसके बाद बच्चों ने घटना की जानकारी अपने घर पर दी। नाबालिग लड़की के पिता उसी रात 10:30 बजे कोतवाली पहुंचकर अपनी आप बीती बताई और मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली, पीड़िता के पिता का आरोप है कि उन्होंने कोतवाली क्षेत्र के गाँव भैंसोरा निवासी राजीव यादव, देवेन्द्र यादव, तेजपाल यादव और गाँव रायपुर निवासी संतोष यादव के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था लेकिन पुलिस ने केवल राजीव यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यहां तक कि दरोगा ने फटकारते हुए कहा कि लड़की को एक युवक उठाकर ले जाएगा, चार नहीं।
घटना के दो दिन बाद हल्का दरोगा शैलेन्द्र गौड़ ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर तीनों बच्चों के बयान दर्ज कर लिए लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद अभी तक पुलिस अपहृत लड़की का पता नहीं लगा पाई है। पीड़ित पिता रामदास ने बताया कि दबंगों की तरफ से उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। एक रात नकाबपोश दबंगों ने घर मे घुसकर गाली गलौच, मारपीट की मारपीट और उनके बड़े बेटे को उठाकर ले जाने लगे, जब परिवार ने रोते हुए हाथ जोड़कर मिन्नतें की तब अपहरण मामले में चुप रहने की धमकी देकर लड़के को छोड़ गए। पीड़ित पिता ने घटना के सम्बंध में कोतवाली में तहरीर दी लेकिन इस मामले में कोई सुनवाई नही हुई।
कोतवाली की कार्यशैली से परेशान होकर अपहृत लड़की के पिता ने पुलिस अधीक्षक और जिला अधिकारी के दफ्तर चक्कर मार मारकर अपनी शिकायत पहुंचा दी, न्याय की आस लगाए पिता बरेली आईजी के पास शिकायत पहुंचा दी लेकिन सिवाए आश्वासन के कुछ न मिला। पीड़ित पिता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी को चार लोग उठाकर ले गए लेकिन शिकायत के वाबजूद उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली है और उझानी कोतवाली ने केवल एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यहाँ वीडियो: ‘नही सुनती उझानी पुलिस, डीएम साहब बेटी दिलवा दो वरना हम आत्महत्या कर लेंगे’
वहीं कल 25 जुलाई, बुधवार को जब पीड़ित परिवार कोतवाली पहुंचा तो वहां उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। करीबन डेढ़ माह पहले कोतवाली का चार्ज संभाले हुए विनोद कुमार ने लड़की के पिता को फटकारते हुए कहा कि मैं क्षेत्र में नया हूँ, उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। जबकि पीड़ित पिता के मुताबिक घटना के सम्बन्ध में दो बार कोतवाल से मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोतवाल ओर दरोगा ने उन्हें अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए थाने से भगा दिया। पीड़ित पिता ने बताया कि कोतवाल ने कहा कि जहाँ जाना है चले जाओ, मामला वापस हमारे पास ही आएगा।
घटना के दो माह बीत जाने के बाद पीड़ित परिवार को बेटी के साथ अनहोनी की आशंका बनी हुई है। निराश पिता अब चक्कर लगा लगाकर थक चुका है, बेटी की तलाश में खेती-मजदूरी छोड़ रखी है। घरेलू खर्चों के लिए कुछ जानवर बेच दिए हैं। घर में लड़की की माँ सहित छोटे भाई बहनों का रो रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है दो माह से उन्होंने अपनी बच्ची को नहीं देखा है, पुलिस भी नहीं सुनती, उन्होंने दबंगों के साथ सांठगांठ कर ली है। पीड़ित परिवार अब आत्महत्या करने को मजबूर है, पीड़ित पिता डीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि साहब उसे न्याय दिलवा दें वरना परिवार सहित आत्महत्या कर लूँगा।