रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर ने अपने पूरे परिवार की हत्या के बाद आत्महत्या कर ली। डॉक्टर का शव फांसी के फंदे पर था जबकि उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्री बेड पर पड़े हुए थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मूलरूप से मीरजापुर जिले के फरदहा (थाना अहरौरा) के रहने वाले डा. अरुण कुमार सिंह आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) के आवासीय परिसर में क्वार्टर में परिवार के साथ रहते थे। सोमवार से उनका क्वार्टर बंद था। मंगलवार की शाम को इमरजेंसी ड्यूटी होने के कारण जब वह अस्पताल नहीं पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें फोन लगाया। जब फोन नहीं उठा तो वे उनके क्वार्टर पहुंच गए। आवास का दरवाजा अंदर से बंद था। कर्मचारियों ने आवाज लगाई। किसी तरह की हरकत न हुई तो कर्मचारियों ने खिड़कियों से देखने का प्रयास किया। बच्चे व पत्नी बेड पर मृत पड़े थे, जबकि चिकित्सक का शव फांसी के फंदे से लटका मिला।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने इसकी सूचना आलाधिकारी को दी तो पुलिस अधीक्षक फरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घर का दरवाजा तुड़वा कर कमरे में दाखिल हुआ गया। डॉ. अरुण सिंह (45) का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला। उनकी पत्नी अर्चना, बेटी अदीवा (12) और बेटा आरव (4) के शव बेड पर पड़े मिले। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई।
पूरी प्लानिंग के साथ की खुदकुशी: एसपी
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर 2017 से कारखाने में नौकरी कर रहे है। वह नेत्र सर्जन थे। उन्होंने कई तरह के इंजेक्शनों का प्रयोग किया और पहले बच्चों को बेहोश किया फिर उनके सिर पर वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। खुद के हाथों की नस काटी जब सफल नहीं हुए तो कुर्सी रखकर फांसी लगा ली। रविवार को उनको अंतिम बार देखा गया था। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का सही कारण स्पष्ट होगा।