उझानी। इंसान हो या जानवर, पेड़-पौधे हों या पक्षी, जिसमें जान है उसकी जिंदगी की कीमत अनमोल है। छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जीव को इस धरती पर जीने का उतना ही हक है जितना इंसानों को। बात कुत्ते की हो तो कुत्ते को इंसान का सबसे वफादार और भरोसेमंद साथी माना जाता है लेकिन अक्सर इंसान अपने स्वार्थवश इसको भुला कर इस बेजुबान पर प्रहार कर बैठता है। नगर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
मोहल्ला नारायणगंज निवासी प्रखर अग्रवाल पुत्र नीरज अग्रवाल पशुओं के हितों के लिए काम करते हैं, उन्होंने कई जानवरों को रेस्क्यू कर इलाज किया है। इस वक्त उनके पास 6-7 कुत्ते पल रहे हैं। बुधवार दोपहर करीबन 2 बजे एक दो महीने का कुत्ता घर के बाहर टहल रहा था, इसी दौरान एक बाइक UP24 AH2778 सवार युवक तेज रफ्तार से निकला और उस बेजुबान के ऊपर बाइक चढ़ा दी। कुत्ते की चीख सुन आस पड़ोसी बाहर आ गए, आरोप है कि जब उन्होंने युवक से सवाल-जबाव किए तो उसने गाली-गालौच की। बाद में युवक वहां से चला गया। वहीं इस हादसे में घायल कुत्ते की कुछ ही देर बाद मौत हो गई।
इस घटना का जानवरों के हितों के लिए काम करने वाले सांसद मेनका गाँधी के संगठन पीपल फॉर एनिमल (People For Animals) ने संज्ञान लिया। पीपल फॉर एनिमल के जिलाध्यक्ष विकेंद्र शर्मा ने एसआई अनूप सिंह को घटना की जानकारी दी जिसके बाद प्रखर अग्रवाल की तहरीर पर आरोपी युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 429, 504 के तहत मुकदमा लिखा गया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है और देर रात कुत्ते का पोस्टमार्टम कराया गया जिसके बाद उसे दफना दिया गया।
जानवर को मारना दंडनीय अपराध
आईपीसी की धारा 428, 429 और पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत जानवर को मारना दंडनीय अपराध है। 428 में मुजरिम को दो साल तक की सजा का प्रावधान है। 429 के तहत किसी भी मूल्य के पशु को घायल, विकलांग करने या उसकी जान लेने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
अगर कोई कुत्तों की बढती जनसंख्या से परेशान है तो ज्यादा से ज्यादा इनकी रोकथाम के लिए नसबंदी की जा सकती है। सरकार की नीति और एनिमल बर्थ कंट्रोल 2011 के तहत जिस क्षेत्र में इन आवारा कुत्तों का आतंक है, वहां इनकी नसबंदी के बाद उसे वापस भेजा जाएगा लेकिन इन्हें मारा नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने भी इसके बाबत निर्देश जारी किया है। अगर कोई इन आवारा कुत्तों या मवेशियों को परेशान करेगा या मारने की कोशिश करेगा तो इसकी शिकायत पुलिस थाने में भी की जा सकेगी।