उझानी (बदायूं)। नगर में अतिक्रमण के बाद ई रिक्शा ने सड़कों की सूरत बिगाड़ दी है। इनकी वजह से प्रतिदिन जाम रहता है जिससे लोग परेशान हो चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इनका अनुशासित संचालन नहीं करा पा रहे। चौराहों, तिराहों पर तैनात पुलिस पिकेट भी इन ई रिक्शा चालकों पर लगाम नहीं कसती है।
नगर में वैध ई-रिक्शाओं से अधिक अवैध ई-रिक्शाएं नगर की सड़कों पर हैं, जिन्हें अधिकांशत: अप्रशिक्षित और अक्षम लोग चला रहे हैं। इनमें बड़ी तादाद कम उम्र के किशोरों की भी है, जो ई-रिक्शाओं को आड़े-तिरछे चलाते हुए कहीं भी रोककर खड़े हो जाते हैं। मनमाने तरीके से दौड़ लगाते ई-रिक्शा दूसरे वाहनों को निकलने के लिए साइड भी नहीं देते हैं, कई बार तो सवारी के बिना ही सड़को पर दौड़ लगाते हैं। इन ई-रिक्शों के आने के बाद शहर से 99 फीसदी सामान्य रिक्शा सड़कों से गायब हो गई हैं। खास बात यह है कि पांच वर्ष पहले सड़कों पर जितनी सामान्य रिक्शा थी अब उससे अधिक ई-रिक्शों की संख्या है।
यही कारण है कि नगर की सड़कों पर राहगीर कम, ई-रिक्शां अधिक नजर आती हैं। हालत यह है कि घर से बाहर निकल मुख्य सड़क पर आते ही एक नहीं, दस रिक्शाएं मिलती है। मुख्य मार्गों में स्टेशन रोड, बिल्सी रोड, सहसवान रोड, कछला-बदायूं रोड के अलावा अनाज मंडी, हलवाई चौक, बरी बाईपास समेत तमाम चौक-चौराहों की सड़को पर सुबह से ही जाम लगता है। जाम लगने पर दूर-दूर तक दोनों साइड ई-रिक्शा ही नजर आते हैं। जिस वजह लोगों को पैदल निकलना दुश्वार है। दोपहिया या चौपहिया वाहन चालकों की परेशानी तो पूछिए ही मत। इस जाम से आमजन आजिज आने लगे है। हालांकि इतनी बदहाली के बावजूद इन ई-रिक्शाओं पर अंकुश लगाने और ठोस कदम उठाने पर किसी का ध्यान नहीं हैं जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है।
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक नगर की आबादी करीबन 62 हजार थी, नगर में आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से सीमित ई-रिक्शाएं ही मान्य होनी चाहिए लेकिन ई-रिक्शाओं की संख्या लगभग 3 हजार तक जा पहुंची हैं और इसमें इजाफा भी हो रहा है। इनमे बड़ी संख्या में अपंजीकृत ई-रिक्शाएं हैं। साथ ही आसपास के गाँवों से भी लोग यहाँ आकर ई-रिक्शा चला रहे हैं।
पालिकाकर्मी अर्जुन कुमार ने बताया कि पालिका क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने के लिए एक साल का रजिस्ट्रेशन होता है, पिछले साल करीबन 250 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन किया गया था जबकि इस साल मात्र 130 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन हुआ है। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए कई बार अभियान चलाया गया है लेकिन चालक रजिस्ट्रेशन करवाना नहीं चाहते, इस काम के लिए पुलिस प्रशासन के सहयोग की जरूरत है।
क्या कहते हैं नगरवासी
युवा व्यापारी नेता अभिनव सक्सेना का कहना है कि कोई नियम-कायदे न होने की वजह ई रिक्शा विभिन्न मार्गों पर आतंक फैलाते हुए हैं। नाबालिग चालक ई रिक्शा दौड़ाते हैं तो हादसे का खतरा हर समय बना रहता है। इन पर लगाम लगाना जरूरी है।
व्यापारी शुभम गर्ग ने बताया कि नगर में जाम की समस्या काफी गंभीर हो गई है। जाम में फंसने से लोग गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच पाते। ई-रिक्शा जाम का सबसे बड़ा कारण हैं। इन पर अंकुश लगाना जरूरी है।
भारतीय किसान यूनियन नेता आसिम उमर का कहना है कि नगर में आबादी के हिसाब से एक हजार ई-रिक्शा काफी हैं लेकिन इनकी तादाद बहुत बढ़ चुकी है। प्रशासन को अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
थाना प्रभारी हरपाल बालियान ने बताया कि एआरटीओ के साथ मिलकर नगर को जाममुक्त किया जाएगा, ट्रेफिक पुलिस भी इस काम में लगी हुई है। वहीं एआरटीओ प्रवर्तन सुहेल अहमद ने बताया कि अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
दुकानों का पसरा अतिक्रमण
कभी नगर के रास्ते चौड़े हुआ करते थे। नगर में जाम जैसी कोई समस्या नहीं थी लेकिन काफी समय से अतिक्रमण से सभी मुख्य मार्ग संकरे हो गए है, बाजार में अधिकांश व्यापारी सड़क के मुहाने तक अपना सामान लगाते हैं। ई-रिक्शा के साथ साथ यह भी बड़ी समस्या है। इस अतिक्रमण होने के कारण आमजन का आवागमन प्रभावित है। आमतौर पर छोटी से छोटी समस्याओं पर प्रशासन, जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाने वाले यह व्यापारी अपनी इस गलती को सुधारने की कोशिश भी नहीं करते, न ही व्यापारी वर्ग की मीटिंग में इस पर कोई बात होती है। वहीं नगर पालिका के अतिक्रमण हटाओं अभियान के दौरान दस्ता पहुंचने से पहले ही दुकानों के बाहर सजा सामान अंदर कर लिया जाता है। बाकि दिनों पर इन व्यापारी पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता जिस वजह इनकी मनमानी बढ़ती जा रही है।