बदायूं। पोस्टमार्टम हाउस पर मृत महिला की आंखें गायब होने के मामले में बुधवार को दो डॉक्टरों को सीजेएम कोर्ट में पेश में किया। वहीं डॉक्टरों पर दर्ज हुए मुकदमे के विरोध में डॉक्टरों की टीम डीएम मनोज कुमार से मिलने कलक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई। डीएम ने उन्हें सही जांच का आश्वासन दिया है।
बुधवार की सुबह प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारी डॉक्टर के साथ कलक्ट्रेट पहुंच गए। वरिष्ठ चिकित्सक व एनेस्थेटिक डॉ. अमित वार्ष्णेय के नेतृत्व में सभी डॉक्टरों ने डीएम मनोज कुमार से मुलाकात की। डॉ. अमित वार्ष्णेय ने कहा कि किसी डॉक्टर पर मानव अंग की तस्करी की धाराओं में केस अचानक दर्ज करना न्याय संगत नहीं है। क्योंकि डॉक्टर लोगों का इलाज करने के लिए होते हैं न कि किसी अंग की तस्करी करने के लिए। ऐसी धारा लगाकर डॉक्टर का मनोबल तोड़ने का काम किया है। डॉक्टर का इससे मनोबल टूट रहा है और कह रहे हैं कि इस तरह से अगर मुकदमा लिखे जाएंगे तो इमरजेंसी ड्यूटी और पोस्टमार्टम ड्यूटी कैसे कर पाएंगे। वहीं ईएमओ (इमरजेंसी मेडिकल आफिसर) डा. जीके गुप्ता ने भी डाक्टरों को कस्टडी में लेने पर आपत्ति जताई। कहा कि पूछताछ करना थी तो घंटे दो घंटे में पूरी हो सकती थी लेकिन 24 घंटे से अधिक समय तक डाक्टरों को कस्टडी में रखना गलत है।
क्या है पूरा मामला?
अलापुर थाना क्षेत्र के गांव कुतरई निवासी पूजा की शादी जुलाई 2023 में मुजरिया इलाके के रसूला के जोगेंद्र के साथ हुई थी। रविवार शाम करीब पांच बजे विवाहिता पूजा (19) का शव फंदे से लटका मिला। उसके ससुराल वाले घर से भाग गए थे। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पूजा का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया। उसके भाई ने दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया।
वहीं सोमवार देर शाम को गांव कुतरई निवासी गंगाचरण और उनके परिवार वाले सोमवार रात करीब आठ बजे डीएम आवास पहुंचे थे। उन्होंने विवाहित बेटी पूजा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों पर आंखें निकाल लेने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया। जिसके बाद डीएम मनोज कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला के शव का दोबारा तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया। साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी।
महिला की मौत के बाद शव का दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया था। पहला पोस्टमार्टम कादरचौक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. मोहम्मद उवैस और टीबी अस्पताल के डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन ने किया था। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंखों का कोई जिक्र नहीं है। आंखें निकाल लेने का आरोप लगने के बाद दूसरा पोस्टमार्टम डॉ. रियाज हुसैन, डॉ. जीके गुप्ता और डॉ. पीयूष मोहन अग्रवाल के पैनल ने किया। इसकी रिपोर्ट में आंखें न होने की पुष्टि हुई।
डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज
अलापुर थाना क्षेत्र के गांव कुतराई निवासी प्रमोद की तहरीर पर सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे के मुताबिक उनकी बहन पूजा की दहेज के खातिर हत्या कर दी गई थी। उसी दिन मजिस्ट्रेट एवं मुजरिया पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम को भेजा। 11 दिसंबर को बहन के शव का पोस्टमार्मट हुआ। शव उन्हें सौंपा गया। जहां अंतिम संस्कार के दौरान सील बैग से बहन की लाश देखी तो दोनों आंखें गायब थी। आरोप है कि बहन की आंखे पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर व उनकी टीम ने निकालकर गायब कर दी है। इस तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में डॉक्टर और उनकी टीम पर मुकदमा दर्ज किया है।
डॉक्टर बोले- शायद चूहे या नेवले खा गए आंखें
महिला की आंखें निकालने के मामले में पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि शायद महिला की आंखें चूहे या नेवले खा गए। उन्होंने पोस्टमार्टम के दौरान महिला के शव के फोटो भी लिए थे। इसमें उनकी कोई लापरवाही नहीं है। महिला को मरे हुए कई घंटे बीत चुके थे।