जौनपुर। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक इंजीनियर ने अपनी पत्नी के झूठे मुकदमों और न्याय न मिलने से आहत होकर सुसाइड कर लिया। इस मामले का कनेक्शन यूपी के जौनपुर जिले से निकला है। एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले युवक ने अपनी पत्नी और उसके रिश्तेदारों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। उन्होंने करीबन डेढ़ घंटे का वीडियो भी बनाया है। अतुल सुभाष की कहानी पढ़कर आप भी रो पड़ेंगे। जिन्होंने शादी के बाद पत्नी के साथ जिंदगीभर प्यार से रहने के सपने संजोए लेकिन उन्होंने सपने भी नहीं सोचा था कि जिस अग्नि के वे फेरे ले रहे हैं कुछ ही दिनों में उन्हें उसी आग में जलना पड़ेगा।
बेंगलूर के मराठाहल्ली थाना क्षेत्र के मंजूनाथ लेआउट निवासी अतुल सुभाष एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। उनकी शादी यूपी के जौनपुर निवासी निकिता सिंघानिया से हुई थी। सोमवार को अतुल का शव अपने आवास में फांसी से लटका हुआ पाया गया। पुलिस के अनुसार सुभाष ने अपने घर में एक तख्ती टांगी थी, जिस पर लिखा था ‘न्याय मिलना चाहिए’। एक अलमारी पर अपनी मौत की सूचना, वाहन की चाबियां और अपने द्वारा पूरे किए गए कार्यों की सूची और अभी भी लंबित कार्यों की जानकारी चिपका दी थी। अतुल ने 24 पन्नों का एक मृत्यु नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। अतुल ने एक आत्महत्या से पहले एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया है जिसमें उसने जौनपुर स्थित परिवार अदालत के एक जज, पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघिया उर्फ पीयूष सिंघानिया, चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया जिम्मेदार है।
अतुल ने वीडियो में बताया कि उसकी पत्नी ने जौनपुर में 6 केस लोअर कोर्ट और तीन हाई कोर्ट के ऊपर डाला है। उन्होंने बताया कि वह दो सालों के भीतर कोर्ट की 120 तारीखें लग चुकी हैं। इनमें 40 तारीखों पर वह बेंगलुरु से जौनपुर आ चुके थे। निकिता ने उनके मां-पिता और भाई के ऊपर हत्या, हत्या का प्रयास, अननेचुरल सेक्स, घरेलू हिंसा, दहेज लेने जैसे झूठे आरोप लगाए थे। इन आरोपों में ऐसी धाराएं हैं, जिनमें बेल मिलना मुश्किल है।
अतुल का कहना है कि उसकी पत्नी ने एक केस में आरोप लगाया कि 2019 में मेरे परिवार ने 10 लाख रुपये दहेज मांगा, इस सदमे से उसके पिता की मौत हो गई जबकि क्रॉस एग्जामिनेशन में यह साबित हुआ था कि निकिता के पिता को हार्ट की बीमारी थी और इस कारण उनकी मौत हुई। उनकी बीमारी के कारण ही हमारी शादी जल्दीबाजी में हुई।
अतुल पत्नी को दे रहे थे 40 हजार रुपए महीने गुजारा भत्ता
अतुल ने बताया है कि उनकी पत्नी ने तलाक के बदले हर महीने दो लाख रुपये के गुजारा भत्ता की डिमांड की। उसने बच्चे को भी दूर रखा गया, कभी मिलने नहीं दिया गया। वह पत्नी को पहले से ही हर महीने 40,000 रुपए गुजारा भत्ता दे रहे हैं। वह एक्सेंचर में काम करती है और खुद पैसे कमाती है। इसके बाद भी पैसे मांग रही है। अतुल का कहना है कि वो जो पैसा कमाते हैं, उससे उसके दुश्मन मजबूत हो रहे हैं। वह कहते हैं कि मैं अपने वेतन पर जो टैक्स देता हूं, उससे पुलिस और कानूनी व्यवस्था को मुझे और मेरे परिवार को परेशान करने में मदद मिल रही है।
घूस मांगने का भी आरोप
जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज पर आरोप लगाया कि उनके कोर्ट में डेट के लिए पेशकार को घूस देनी पड़ती है। अतुल ने आरोप लगाया कि कोर्ट में जज ने उन पर तीन करोड़ रुपये की मेंटिंनेस देने का दबाव बनाया। साथ ही, दिसंबर 2024 में केस सेटल करने के लिए पांच लाख रुपये मांगे। जब उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी उसे आत्महत्या के लिए उकसा रही है, तब जज हंस पड़ी। 2022 में पेशकार के जरिये उन्होंने पहले भी तीन लाख रुपये मांगे थे। जब अतुल ने घूस नहीं दिया तो एलमनी और मेंटिनेंस के ऑर्डर जारी कर दिए, जिसमें उन्हें हर महीने 80 हजार रुपये देने थे।
‘कोर्ट के सामने गटर में बहा देना अस्थियां’
जूडिशियरी से मां-पिता को हैरेसमेंट नहीं करने की अपील की। पत्नी के लिए आखिरी संदेश यह दिया कि मेरे बच्चे को वैल्यू के साथ परवरिश के लिए मेरे माता-पिता को दे दे। उसने अपने भाई को हिदायत दी कि बिना किसी कैमरे के मेरी पत्नी और उसके ससुरालवालों से नहीं मिले। मेरा अस्थि विसर्जन तभी करें जब तक परेशान करने वालों सजा नहीं मिलती। अगर न्याय नहीं मिलता है तो मेरी मौत के बाद मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना।