Site icon Badaun Today

कूड़े-कचरे से पटे नाले, गंदगी से परेशान लोग, उझानी के विकास की यह भी हकीकत है

उझानी। नगर निकाय चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए खूब वादे कर रहे हैं लेकिन क्षेत्र में एक बड़ी आबादी गंदगी से परेशान है, नालों की हालत बद से बदतर है। उझानी में विकास की यह भी हकीकत है जिसे देखते हुए जनता को इस बार अध्यक्ष का चुनाव करना होगा तभी उन्हें परेशानी से निजात मिल पाएगी।

मोहल्ला गंजशहीदा के नाले में बेहिसाब गंदगी है। नियमित सफाई ना होने से पन्नी, प्लास्टिक कचरा का ढेर लगा हुआ है। यहां नाले में गंदगी के ढेर के साथ झाड़ियां खड़ी हुई है। नालों की सफाई कराए जाने के लिए नगर पालिका लाखों रुपये खर्च करता है। अभियान चलाया जाता है, नालों की सफाई करते हुए फोटो भी खिंचवाए जाते हैं। इसके बावजूद नाले गंदगी से ही पटे ही पड़े हैं। नाले से जुडने वाली मोहल्लों की नालियां भी बजबजा हैं। गंदे पानी की निकासी नहीं होने के कारण यहाँ मच्छरों का प्रकोप रहता है। दुर्गन्ध से आसपास के लोगों को रहना मुश्किल है।

मोहल्लेवासियों ने बताया कि नगर पालिका कहती है कि सभी मोहल्लों में साफ-सफाई लगातार जारी है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, चेयरमैन का दावा बिल्कुल फेल है। मोहल्ले में चारों तरफ गंदगी ही गंदगी फैली है।

खाली प्लाट में जमा हुआ पानी
गंजशहीदा का नाला चोक होने की वजह से कई खाली प्लाटों में नाली का गंदा पानी एकत्रित हो रहा है। पानी की सड़ांध से लोगों का रहना भी मुहाल हो गया है। खाली प्लाटों में भरे पानी में मच्छरों का लारवा पनप रहा है। इससे क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए स्थानीय लोगों ने काफी पत्राचार किया, लेकिन अंत में उन्हें थक हारकर घर बैठना पड़ा। आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है।

गंदगी के कारण जीना दुश्वार हो गया है
रईस अहमद ने बताया कि यहां पर गंदगी के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है। मोहल्ले की नालियां चोक रहती हैं, थोड़ी देर बारिश होने के बाद पूरा मोहल्ला गंदे पानी से भर जाता है। सबके घरों में भी गंदा पानी भर जाता है और काफी देर बाद पानी निकल पाता है। यह समस्या वर्षों से है, जिसका कभी समाधान नहीं हुआ।

शाकिर ने बताया कि अगर लगातार नालों की सफाई हो और समय से तली तक सिल्ट निकाली जाए तो बरसात में जलभराव की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है लेकिन इसके प्रति जिम्मेदार गंभीर नही है।

इजहार ने बताया कि नालों की सफाई ठीक से होती ही नहीं है। सफाई किस तरह से हो रही है, इसकी हकीकत सामने है। नालों का पानी गालियों में भरता है। इरफान ने बताया कि नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा यहां नियमित सफाई नही की जा रही है जिससे यह स्थिति दिखाई दे रही है। बिना मच्छरदानी के रात काटना मुश्किल है क्योंकि पानी भरा होने के कारण 12 महीने मच्छरों का आतंक बना रहता है।

नाले में डूबकर हुई थी बच्चे की मौत
गंजशहीदा में नाले की गंदगी लोगों की जिन्दगी पर भी भारी पडती रह रही है। बीते तीन साल पहले यहाँ एक बच्चे की नाले में गिरकर मौत हो गयी थी, कूड़े की वजह से उसकी स्थिति का पता ही नहीं चला। स्थानीय निवासी मोहम्मद आमिर ने बताया कि मोहल्ले से गुजरने वाला नाला खुला है, इस वजह से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। लोग अपने बच्चों को यहाँ खेलने भी नहीं देते हैं। अगर यहाँ रेलिंग बन जाए तो खतरा टल सकता है।

Exit mobile version