बदायूं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार बुधवार को हो गया। राजभवन में आयोजित हुए शपथग्रहण समारोह में योगी के 23 मंत्रियों ने शपथ ली।
योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बदायूं सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता को शामिल किया गया है। महेश गुप्ता के राज्यमंत्री बनाए जाने पर समर्थकों में खुशी की लहर है। उनके आवास पर कार्यकर्ताओं का हुजूम है। लोग घर पर पटाखे छोड़कर खुशी का इजहार कर रहे हैं। महेश गुप्ता की पत्नी विमलेश गुप्ता ने लोगों को आभार व्यक्त किया है। 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेश गुप्ता ने सपा के गढ़ में 16 हजार से ज्यादा वोटों से आबिद रज़ा को हराया था। महेश चन्द्र गुप्ता को 87314 वोट जबकि आबिद रज़ा को 70847 वोट मिले। उस वक्त आबिद रजा समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में राज्यमंत्री थे।
28 वर्षों बाद भाजपा से बना कोई मंत्री
2017 विधानसभा चुनावों में यूपी में भाजपा की प्रचंड बहुमत से जीत के बाद कैबिनेट में महेश गुप्ता को शामिल किए जाने के कयास लगाये गए थे। हालाँकि उस वक्त बदायूं को निराशा ही हाथ लगी लेकिन अब 1991 के बाद राज्य सरकार में भाजपा से जिले को प्रतिनिधित्व मिला है। 1991 कल्याण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे तब एडवोकेट कृष्ण स्वरूप वैश्य को मंत्री बनाया था, 1997 में भाजपा दुबारा सत्ता में लौटी तब से भाजपा सरकार में कोई मंत्री नहीं बन पाया। वर्ष 1996 में बसपा से भगवान सिंह शाक्य मंत्री बने थे। इसके अलावा गेंदनलाल, आबिद रजा भी दर्जा मंत्री रहे हैं। वर्तमान में बीएल वर्मा दर्जा राज्यमंत्री है।
2019 में भाजपा की जीत में अहम भूमिका
2017 में प्रचंड जीत के साथ करीबन 20 वर्षों का राज्य में भाजपा का सूखा खत्म हुआ, महेश गुप्ता दुबारा विधायक तो चुन लिए गए लेकिन अपनी जीत के साथ ही उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव पर नजर जमा ली थी। 2014 में बदायूं लोकसभा सीट पर भाजपा को करारी हार मिली थी। महेश गुप्ता ने जिले में विकास कार्यों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर भी अपनी चिंता जाहिर की। संगठन में मजबूत पकड़ के लिए जाने जाने वाले महेश गुप्ता ने बूथ स्तर से पार्टी को एकजुट किया। नतीजतन 1991 के बाद 2019 में भाजपा को बड़ी हासिल हुई।
त्याग दिया था अन्न
26 नबंवर 2008 को मुम्बई पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सैकड़ों निर्दोष लोगोें की जान गई थी। उस समय महेश गुप्ता एमएलए थे। 30 नवंबर को महेश गुप्ता ने संकल्प लिया कि जब तक भारत को आतंकवाद से मुक्ति नहीं मिलेगी तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। 16 मई 2014 में जब केंद्र में भाजपा पूर्ण बहुमत जीती तो कार्यकर्ताओं ने अन्न ग्रहण के लिए आग्रह किया जिस पर वो राजी हो गए। करीब साढ़े पांच साल के बाद 21 नबंवर को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही महेश चन्द्र गुप्ता ने अन्न ग्रहण किया। तब उन्होंने कहा था कि अब देश ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुन लिया है, भारत का भविष्य सुरक्षित है, आतंकी अब हमारी ओर नही देखेंगे।
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