हिंदू धर्म के अनुसार श्रावण या सावन सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना भी है। इस महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। चूंकि यह श्रावण मास में पड़ती है, तो इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं। यह त्योहार खासकर महिलाओं से जुड़ा है। सावन में जब चारों पर हरियाली रहती है, तो महिलाएं इसका आनंद लेने के लिए झूला झूलती हैं। कई तरह के गीत गाती हैं।
हरियाली तीज पर व्रत रखने का विधान है। इस व्रत को निर्जला व्रत भी कहते हैं। हरियाली तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। ये व्रत दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सावन के महीने का ये विशेष पर्व है, जो सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है। यह व्रत हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। इस बार यह शुभ अवसर 10 अगस्त यानी मंगलवार को शाम 06 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा। समाप्ति होगी अगले दिन 11 अगस्त यानी बुधवार को शाम 04 बजकर 56 मिनट पर। 10 अगस्त को ये तिथि संध्याकाल के बाद शुरू हो रही है, इसलिए इस पर्व को अगले दिन यानी 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त, बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का दोबारा मिलन हुआ था, इसलिए हरियाली तीज का महत्व अत्यधिक है। पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि अर्पित किया जाता है।
फिर शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। इसके बाद अब गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनी जाती है। इस दिन महिलाएं विशेष तौर पर हरी साड़ी, हरे रंग की चूड़ी और सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन कई स्थानों पर युवतियां झूले भी झूलती हैं।
तीज के अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं तथा युवा वर्ग पतंग उड़ाते हैं। हालांकि अब झूला डालने की परंपरा कम हो गई है मगर फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों तथा खुले मैदानों में झूले डल रहे हैं। वहीं कई लोगों ने अपने घरों में भी छोटे-छोटे झूले डाल लेते हैं। युवाओं में तीज के अवसर पर पतंगबाजी का शौक रहता है। जिसके कारण बच्चे, युवा व बुजुर्ग भी तीज पर पतंग उड़ाते हैं। पतंगबाजी के कारण पतंगों की बिक्री भी खूब होती है।
शिव योग में हरियाली तीज
इस वर्ष हरियाली तीज शिव योग में पड़ रही है। इस योग की अधिकतर कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त में गणना होती है, इसलिए यह शुभ है। हरियाली तीज के दिन 11 अगस्त को शिव योग शाम 07 बजकर 58 मिनट तक है। इसके बाद से सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा।
हरियाली तीज पर रवि योग
इस वर्ष हरियाली तीज पर रवि योग भी बन रहा है। 11 अगस्त को दिन में 11 बजकर 02 मिनट से अगले दिन 12 अगस्त को प्रात: 06 बजकर 04 मिनट तक रवि योग है। रवि योग सभी नकारात्मकता को दूर करने वाला और अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने वाला होता है।