लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ की एनआईए-एटीएस कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अन्य 4 दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है।
मुजफ्फरनगर के थाना रतनपुरी के गांव फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को आतंकवादी निरोधक दस्ता ने 21 सितंबर-2021 की रात को दिल्ली-देहरादून हाईवे से दौराला-मटौर के बीच से गिरफ्तार किया था। इसके बाद आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) की टीम ने मौलाना समेत उसके साथियों की कुंडली खंगाली तो देशभर में अवैध रूप से मतांतरण गिरोह संचालित होने का राजफाश हुआ। मौलाना पर देशभर में अवैध रूप से मतातंरण का गिरोह संचालित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। एटीएस और एनआईए की जांच में मौलाना समेत 16 लोगों के नाम सामने आए थे। यह गिरोह बड़ी तादाद में गरीब लोगों का ब्रेनवॉश करके और लालच देकर अवैध धर्मांतरण कराते थे।
सरकारी वकील एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों के द्वारा आपराधिक षड्यंत्र के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने का गिरोह संचालित किया जा रहा था। इस गिरोह के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांगजन विशेषकर मूकबधिर लोगों को बहला फुसलाकर, डरा कर, बलपूर्वक और नाजायज दबाव डाल कर धर्मांतरण किया जा रहा था। वहीं धर्मांतरित व्यक्ति के जरिये उसके मूल धर्म के लोगों का धर्मांतरण भी कराया जा रहा था। इतना ही नहीं धर्मांतरित व्यक्ति मूल धर्म में वापस न जाये और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो, इसके लिए वर्कशॉप और ट्रेनिंग दी जाती थी।
एनआईए एटीएस कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 और अवैध धर्मांतरण कानून की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी करार दिया। अवैध धर्मांतरण के इस मामले में कुल 17 आरोपी थे, जिनमें से 16 दोषी करार दिए गए हैं। 17वें आरोपी इदरीस कुरैशी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्टे मिल गया है।
हिंदू समाज के सैकड़ों युवाओं का मतांतरण कराया
मौलाना कलीम ने अपने गिरोह के माध्यम से हिंदू समाज के सैकड़ों युवाओं का मतांतरण कराया है। इस मामले से जुड़े एक-एक बिंदु की एटीएस और एनआइए ने बारीकी से छानबीन की है। दस्तावेजों के अनुसार दोषियों ने अवैध कार्य के लिए इस्लामिक दवाह सेंटर के अलावा डेफ सोसायटी को केंद्र बनाकर पूरे भारत में जाल बिछाया। इसमें विदेशों में बैठे आरोपियों के सहयोगियों ने हवाला के जरिए भारी धन की व्यवस्था की। आरोपियों के पास से पासपोर्ट, मोहर, साहित्य, धर्म और नाम बदलने वाले पुरुष, महिला व बच्चों की सूची, मोबाइल, लाइसेंस, पहचान पत्र, आधार, पैन, मैरिज सर्टिफिकेट और कनवर्जन रजिस्टर बरामद हुआ था।