लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी धीमी हो गयी है। प्रदेश के 11 जिलों में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 से कम है, जबकि 2 जिलों में तो सिर्फ एक-एक नए केस सामने आए हैं।
मंगलवार को बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,957 मामले सामने आए हैं जबकि 10,441 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, इसी अवधि में सूबे में 163 लोगों की मौत हुई है, जिससे अब तक हुई कुल मौतों का आंकड़ा 19,519 पर पहुंच गया। हालांकि राहत की बात यह है कि इस दौरान सूबे के 75 में से 11 जिलों में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 से कम रही, जबकि 2 जिलों में तो सिर्फ एक-एक नए केस सामने आए हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में कुल 69,828 ऐक्टिव केस हैं।
कासगंज और चित्रकूट में सिर्फ एक-एक नए मामले
उत्तर प्रदेश के कासगंज और चित्रकूट में बीते 24 घंटों में सिर्फ एक-एक नए मामले सामने आए हैं। वहीं, रामपुर में 9, जालौन में 7, एटा में 9, कन्नौज में 4, फतेहपुर में 6, कानपुर देहात में 5, कौशांबी में 2, महोबा में 6 और हाथरस में 5 नए संक्रमित मिले हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ का ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का मंत्र
सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश में 1 अप्रैल को 11,918 केस थे और हर रोज करीब 2,000 नए एक्टिव केस मिल रहे थे। यह आंकड़ा अप्रैल के महीने में तेजी से बढ़ता रहा और 30 अप्रैल को 3 लाख के पार पहुंच गया था। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अप्रैल के महीने में यूपी के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव बढ़ा दिया था। इसके चलते नाइट कर्फ्यू से हुई बंदिशों की शुरुआत पहले तो वीकेंड कर्फ्यू में तब्दील हुई और फिर आंशिक लॉकडाउन तक लागू करना पड़ा।
वहीं 22 अप्रैल को नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने आशंका जाहिर की थी कि उत्तर प्रदेश में 10 मई से रोज एक लाख से अधिक केस आएंगे। अन्य विशेषज्ञों ने भी आशंका जाहिर की थी कि यूपी दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉटस्पॉट बनेगा लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना नेगेटिव होने के दिन से ही ग्राउंड पर जाना शुरू कर दिया।
सीएम योगी 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए वर्चुअली संवाद कार्यक्रम जारी रखा। 30 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के तुरंत बाद वह ग्राउंड जीरो पर उतर गए और लखनऊ में उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद कोरोना निगेटिव होने के बाद वह अब तक 15 मंडलों का दौरा कर चुके हैं।
इस दौरान उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ मंडल स्तर की समीक्षा बैठकें कीं, गांव के लोगों से उनके घर, अस्पताल जाकर संवाद किया, उन्होंने कंटेनमेंट जोन का दौरा कर संक्रमित लोगों से बात की। एक लाख गांवों में निगरानी समितियों को सक्रिय करके संक्रमितों की पहचान और 24 घंटे में टेस्ट कराकर मेडिसिन किट पहुंचाने की व्यवस्था की। जरूरत के अनुसार लोगों को आइसोलेट और अस्पताल में भर्ती कराया और इन्फेक्शन की चेन को ब्रेक किया। उसी का नतीजा आज उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते टेस्ट और घटते केस के रूप में दिख रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थ्री टी यानि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना लक्षण वाले अधिक से अधिक मरीजों को ट्रेस किया जाए। लक्षण मिले तो उनका टेस्ट कराया जाए। टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो बेहतर ढंग से ट्रीट मतलब इलाज किया जाए। कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा टेस्ट किए। शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड टेस्ट की संख्या 65 फीसदी अधिक रही। निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्यों के जरिये गांवों में कोरोना को घर-घर ट्रेस कर राज्य सरकार ने 31 मार्च से 22 मई तक लगभग 75 लाख कोविड टेस्ट किए। योगी सरकार के इस मन्त्र के बाद टेस्टिंग में प्रदेश ने नया रिकार्ड बनाया। एक दिन में सबसे ज्यादा 3.07 लाख टेस्ट करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया।