उझानी (बदायूं)। शासन एक और गरीब परिवार के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने की बात करता है, वहीं जिले का कन्या इंटर कॉलेज में अवैध फीस लेकर अभिभावकों की जेब में डाका डाल रहा है। इस बार छात्राओं का आरोप है कि उनसे रसीद पर लिखी रकम से ज्यादा रूपये वसूले गए हैं।
अशर्फी देवी कन्या इंटर कॉलेज में अपने बच्चों का एडमिशन करवाना अभिभावकों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। कॉलेज प्रशासन छात्राओं से वसूली के अलग अलग नुस्खे निकाल रहा है। इस बार कॉलेज द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं तक सभी छात्राओं से अवैध फीस की वसूली की गयी है। इस वर्ष शुरू हुए नवीन सत्र में कक्षा 9-12 तक की छात्राओं से शासन की गाईडलाईन से ज्यादा फीस वसूली गयी। छात्राओं और उनके अभिभावकों ने कई बार रसीद की मांग की लेकिन कॉलेज प्रशासन टालमटोल करता रहा। सितम्बर माह में जब कुछ छात्राओं ने दुबारा रसीद की मांग की तो उन्हें रसीद पकड़ा दिया गया जिसके बाद वसूली का भंडाफोड़ हुआ।
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एक 9वीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि जुलाई माह में फीस के तौर पर 500 रुपये जमा हुए थे लेकिन अब 280 रुपये की रसीद मिली है। एक दूसरी छात्रा ने बताया कि उससे 500 रुपये मांगे गए थे, जिसमे से 130 रुपये वापस लौटा दिए गए लेकिन रसीद मात्र 115 रुपये की मिली है। वहीं एक अभिभावक का कहना है कि उन्होंने कॉलेज से कई बार रसीद की मांग की लेकिन अभी तक नहीं दी गयी है। कक्षा 9 से 12 तक करीबन 1000 छात्राएं कॉलेज में पढ़ती हैं और प्रत्येक छात्रा से 200-250 रुपये अवैध तौर पर वसूले गए हैं।
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अशर्फी देवी कन्या इंटर कॉलेज में वसूली का खेल लम्बे वक्त से चल रहा है। शिक्षक दिवस, वजीफा, किताब-बस्ता, कन्या सुमंगला योजना में भी छात्राओं से जमकर वसूली की गयी है। छात्राओं द्वारा जब इस मामले में बाहर बोला जाता है तो उन्हें चुप करवा दिया जाता है। 2018 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्राओं को मिलने वाली निशुल्क किताबों-बस्तों में कॉलेज प्रशासन द्वारा वसूली की गयी, इस मामले में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने छात्राओं को रुपये लौटा दिए थे।
प्रशासन द्वारा वसूली का मामला कॉलेज से बाहर पहुँचने की वजह की पड़ताल भी की गयी थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को बाहर न बोलने को कहा था। इसी वर्ष अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने शिक्षक दिवस के नाम पर उगाही का मामला डीआईओएस के समक्ष उठाया तो कॉलेज प्रशासन में हडकंप मच गया। कॉलेज प्रशासन ने इस बार भी छात्राओं को इन मामलों में बाहर न बोलने को लेकर समझाया था।
छात्राओं से अवैध फीस वसूली के आरोपों को प्रधानाचार्य मीरा अग्रवाल ने गलत बताया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि छात्राओं को एक रसीद दे गयी है, फीस बढ़ने के बाद दूसरी रसीद भी उनको दे दी जाएगी। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी राममूरत सिंह ने मामले की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि छात्राओं के आरोपों की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।