उझानी। कस्बा में स्थित धुबिया तालाब पर भू-माफिया ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। तालाब को पाटने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियां बेखौफ फर्राटा भर रहे हैं, कई जगह प्लाटिंग भी हो चुकी है। हैरत की बात है कि कस्बे के तालाबों को लेकर हर साल यही स्थिति होती है लेकिन जांच पड़ताल में मामला निपटा दिया जाता है।
कस्बे के मोहल्ला बहादुरगंज में कासगंज-बदायूं हाईवे स्थित धुबिया तालाब है। तालाब के एक हिस्से पर टैक्टर-ट्राली की मदद से मिट्टी लाकर एक हिस्से का भराव करा दिया गया है। कई जगह तो भराव का काम पूरा हो चुका है और बाकायदा ईंटों की दीवार खड़ी कर प्लाटिंग भी कर दी गयी है। धुबिया तालाब में कई वर्षों से पानी भरा रहता। आसपास के मवेशी और पक्षी यहाँ पानी पीते है, इसके अलावा यहाँ कपड़े भी धोये जाते हैं लेकिन कुछ वर्षों दबंगों ने इसके चारों ओर से कब्जा करना शुरू कर दिया है, नतीजतन तालाब लगभग खत्म होता जा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार चेतने को तैयार नहीं हैं।
यह स्थिति तब है जब सर्वोच्च न्यायालय तालाबों के संरक्षण के कड़े आदेश दे चुका है। शासन की ओर से भी इस आशय के निर्देश आते रहते हैं लेकिन माफिया बाज आने को तैयार नहीं है। तालाबों पर अवैध कब्जा किए जाने से वर्षा जल संचयन नीति को भी झटका लग रहा है। सरकार एक ओर जहां नीतियां बनाकर तालाब खोदवा रही है वहीं दूसरी ओर भू-माफिया इसे पाट रहे हैं।
पहले भी हुई है कब्जे की कोशिश
कस्बे में तालाबों को पाट कर अतिक्रमण का खेल खुले आम जारी है। योगी सरकार भू-माफिया के खिलाफ भले ही अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही हो, लेकिन कस्बे में हकीकत उससे बहुत परे है। बहादुरगंज मोहल्ले के धुबिया तालाब के अलावा कस्बे के मोहल्ला बाजारकलां स्थित गुठाईन तालाब भी भू-माफिया के निशाने पर है। एक सप्ताह पहले जब गुठाइन तालाब को पाटने की कोशिश हुई तो एसडीएम सदर के निर्देश पर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को कब्जे में लिया गया था। इससे पहले भी कई बार तालाबों पर कब्जे की कोशिशें हुई हैं। अगर इन तालाबों को पाटा जाता है तो कस्बे में जलभराव की बड़ी समस्या भी पैदा होगी। अधिकांश मोहल्लों का पानी इन तालाबों में जाता है। नगर पालिका भी तालाब पाटे जाने को आंख बंद कर देख रही है।