उझानी(बदायूँ)। नगर में एक बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाए पुलिस का शर्मनाक रवैया सामने आया है। घटना की शिकायत करने जब पीड़िता और उसके परिजन थाने पहुंचे तो उनसे जबरन मारपीट की शिकायत दर्ज कर अंगूठा लगवा लिया गया। वहीं पीड़िता पर बयान बदलने का दबाब भी बनाया गया। घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी पीड़िता का मेडिकल नही करवाया गया है।
घटना कस्बे के एक मौहल्ले की है। 12 वर्षीय युवती गुरुवार की सुबह अपने घर के दरवाजे पर बैठी हुई थी। उसकी मां घर पर नही थी। उसी दौरान पडोस में रहने वाले युवती के ताऊ के लड़के राजू(20) पुत्र महफूज अली ने युवती को मैक्रोनी बनवाने के बहाने घर बुलाया। युवती ने जब इनकार किया तो वो उसे जबरन अपने घर ले गया। जहाँ उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता की मां जब बाजार से लौटी तब उसने रोते हुए अपनी माँ को घटना की जानकारी दी। मां ने जब युवक के घर शिकायत की तो उन्हें डाँट फटकार भगा दिया गया।
युवती के दोनों भाई गुजरात काम करते हैं, घटना की जानकारी मिलने के बाद भाई अगले दिन शाम को घर आ गए। पीड़ित युवती और उसके परिजन अगले दिन शुक्रवार को कोतवाली पहुंचे। युवती के भाई का आरोप है कि पीडिता ने दरोगा शिवेंद्र भदौरिया के सामने पूरी घटना बताई लेकिन तहरीर में घटना के सम्बंध से जुड़ी कोई बात नही लिखी गयी बल्कि पुलिस ने मारपीट की शिकायत लिख जबरन मां से अंगूठा लगवा लिया। पुलिस ने बहन का मेडिकल नही करवाया और घटना के दिन पहने कपड़ों को मंगवाकर वहीं रख लिया।
वहीं पीड़िता ने बताया कि एक महिला पुलिसकर्मी ने उसके गाल पर थप्पड़ मार बयान बदलने का दबाव बनाया। जिसके बाद हताश पीड़िता और परिजन वापस घर आ गए। युवती के भाई का आरोप है कि आरोपी पक्ष उन्हें लगातार धमका रहा है लेकिन पुलिस बलात्कार के मामले को मारपीट में तब्दील करने में जुटी है। उसने बताया कि राजू का बहनोई हासिम पुत्र अंसार निवासी सहसवान ने घर आकर चुप रहने की धमकी दी है। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी ही नही हुई।
पुलिस के रवैये से परेशान परिवार ने शनिवार को जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है। इस प्रकरण में पुलिस की कार्यशैली न सिर्फ सवाल खड़े करती है बल्कि ये दर्शाती है कि किस तरह व्यवस्था का हिस्सा बनकर अपराधी को बचाया और पीड़ित को तिल-तिल कर मारा जाए।