उझानी। सशक्तिकरण की लड़ाई हमेशा से सत्ता में बराबर की साझेदारी की लड़ाई रही है। यही बात महिला सशक्तिकरण को लेकर भी कही जाती है। जब भी महिला सशक्तिकरण की बात होती है तो महिला की पुरुष के साथ शक्ति के समान बंटवारे की बात निहित होती है।
जनपद में इस बात को गर्व से कहा जाता है कि यहाँ जिलाधिकारी, सीडीओ, एडीएम प्रसाशन समेत कई नगर पालिकाओं में अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों को महिलाएं संभाल रही हैं लेकिन इसके साथ ही चेयरमैंन पति या प्रधान पति एक नया पद भी इजात हो गया है। इस पद को संवैधानिक मान्यता नहीं हैं लेकिन यह पद अन्य तमाम पदों से अधिक प्रभावी है। आरक्षण, मतदाताओं की सहानभूति या पति के दूसरे जगह व्यस्तता वजह से चुनाव में महिला को खड़ा कर दिया जाता है, लोग महिला जनप्रतिनिधि को इसीलिए भी चुनते हैं ताकि महिलाओं के उत्थान और विकास पर अपना समुचित योगदान दे सकें लेकिन और उनके जीतने के बाद सारा काम घर के पुरुष सदस्यों द्वारा किया जाता है।
कुछ ऐसा ही हाल उझानी का है। यहाँ विमल कृष्ण अग्रवाल बिल्सी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के टिकट में एमएलए का चुनाव लड़ते हैं, वहीं उनकी पत्नी कस्बे से पालिकाध्यक्ष के पद पर खड़ी होती हैं लेकिन पालिका की अध्यक्ष बनने के बाद पूनम अग्रवाल का अधिकार फाइलों पर सिर्फ चिड़िया बैठाने तक ही सीमित है। चुनावी मौसम में तूफानी दौरों के सिवाए उन्हें कस्बे की गलियों में कभी नहीं देखा जाता। यहाँ तक कि कोरोनाकाल में भी वो जनता के बीच से नदारद रहीं। लेकिन उनके पति किसी संवैधानिक पद पर न होने के बावजूद पालिका के कामकाज के दौरान मौजूद रहते हैं।
सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में मरीजों के इलाज के लिए सुविधाओं को दुरस्त करने के लिए नगर पालिकाध्यक्ष पूनम अग्रवाल द्वारा अस्पताल को गोद ऐलान किया गया है। गुरुवार को पालिका प्रशासन ने सीएचसी का दौरा किया। इस दौरान विमल कृष्ण अग्रवाल मौजूद थे और ईओ समेत चिकित्साधिकारी को निर्देश देते नजर आए। पालिका ने अस्पताल परिसर के शौचालयों का नवीनीकरण, परिसर में स्ट्रीट लाइट, मरीजों के बैठने के टीनशैड, मरीजों के रजिस्ट्रेशन काउंटर बनवाने के अलावा मुख्य दरवाजे का सौन्दर्यकरण का फैसला लिया है। हालाँकि इस दौरे में पालिकाध्यक्ष पूनम अग्रवाल मौजूद नही थीं उसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में उनका नाम लिखा गया।
प्रेस रिलीज में बताया गया कि पालिका चेयरमेंन पूनम अग्रवाल, विमल कृष्ण अग्रवाल और ईओ धीरेन्द्र राय ने अस्पताल का दौरा किया। वहीं इस सम्बन्ध में जब सफाई निरीक्षक हरीश त्यागी से बात की गयी तो वो भी झूठ बोलते हुए नजर आए, उन्होंने कहा कि पूनम अगवाल वहां मौजूद थीं। जबकि उनके द्वारा जारी की गयी तस्वीरों में भी पूनम अग्रवाल गायब हैं। सवाल यह भी है कि अगर पालिकाध्यक्ष कस्बे से बाहर हैं या बीमार हैं तो नगर पालिका को झूठ बोलने की क्या जरूरत है।
डीएम के दौरे से भी गायब रहीं पालिकाध्यक्ष
करीबन 10 दिन पहले जिलाधिकारी दीपा रंजन ने नगर पालिका का दौरा किया था। इस दौरान भी पूनम अग्रवाल वहां मौजूद नहीं थीं। आखिर जनता ने उन्हें क्यों चुना है, यह सवाल जायज है। जाहिर है कस्बे के विकास कार्यों में उनकी सहभागिता न होना, सवालों के घेरे में हैं।