उझानी (बदायूं)। उझानी सीएचसी में विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को चिकित्साधीक्षक द्वारा मनमाने तरीके से एम्बुलेंस चालकों का आवास ढहा दिया गया। जिसमे उनका सामान दब गया। चिकित्साधीक्षक ने कहना है कि बिल्डिंग जर्जर अवस्था में थी जिससे जानमाल का खतरा था, एम्बुलेंस कर्मियों को इस बारें में बताया गया था जबकि एम्बुलेंस कर्मियों से इस बात से इंकार किया है। इस मामले में सीएमओ ने जाँच पड़ताल की बात कही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित दो आवास में कुल 12 एम्बुलेंस चालक, ईएमटी रहते हैंं। शनिवार सुबह 11 बजे चिकित्साधीक्षक महेश प्रताप सिंह द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों की गैरमौजूदगी में जेसीबी से एक आवास को ढहा दिया गया। जिसमे आवास का सामान भी दब गया। एम्बुलेंस कर्मियों जब वापस अस्पताल पहुँचे तो उन्होंने मलबे में दबी अपनी मोटरसाईकल हैलमेट, कपड़ो, गाडी के कागजात, बर्तनों को वहां से निकाला। जिसके बाद जिला प्रभारी रोहित यादव, सीएमओ को घटनाक्रम की जानकारी दी।
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एम्बुलेंस चालक देवेन्द्र कुमार ने बताया कि चिकित्साधीक्षक ने बिना किसी सूचना के आवास को ढहा दिया, अगर वो बताते तो हम खुद ही आवास से अपना सामान निकाल लेते। वहीं चिकित्साधीक्षक महेश प्रताप सिंह ने बताया बिल्डिंग जर्जर अवस्था में थी, जिसको लेकर कई बार शिकायत की गयी की गयी थी। जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक ही अस्पताल में खराब एम्बुलेंस से परिसर को खाली करवाया है, एम्बुलेंस के कर्मचारी खराब एम्बुलेंस से आवास में खड़ा कर पार्ट्स निकाल बेच दिया करते हैं।
वहीँ सीएमओ ने इस मामले में बताया कि उनकी ओर से बिल्डिंग गिराने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया। इस सम्बन्ध में जाँच की जाएगी। एमओआईसी महेश प्रताप सिंह के खिलाफ अन्य जाँच भी चल रही है, जिलाधिकारी बाहर गए हुए हैं, मामला उनके संज्ञान में लाया जायेगा।