वजीरगंज (बदायूं)। नवागत एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने रविवार रात जिले का चार्ज संभाल लिया। चार्ज सँभालने के पहले दिन ही एसएसपी ने अपने सख्त तेवर जाहिर कर दिए हैं। उन्होंने तीन महीने से लापता क्षेत्र के युवक शशांक माहेश्वरी को जल्द तलाशने का निर्देश दिया है। सोमवार को पीड़ित परिजनों ने एसएसपी से मुलाकात की। एसएसपी ने मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करने पर कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
वजीरगंज थाना क्षेत्र के गाँव खुर्रमपुर भमोरी निवासी सुरेश चन्द्र माहेश्वरी का 25 वर्षीय बेटा शंशाक माहेश्वरी बीते तीन माह से लापता है। बताया जाता है कि शशांक का अपने ही परिवार की एक युवती से प्रेम प्रंसग था हालाँकि युवती के परिजन इस रिश्ते के खिलाफ थे। आरोप है कि उन्होंने शशांक को जान से मारने की धमकी भी दी थी। युवक की तलाश में परिजनों ने बदायूं से लखनऊ तक ही सड़कें नाप डाली लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने संकल्प शर्मा को हटाकर जनपद की बागडौर डॉ. ओपी सिंह को सौंप दी। अपनी तैनाती के पहले ही दिन सोमवार को उन्होंने लापता शशांक के भाई राहुल और जयंत से मुलाकात की। लापता युवक के प्रकरण में उन्होंने न सिर्फ जल्द खुलासे का आदेश दिया है बल्कि मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना पर थानाध्यक्ष को भी फटकार लगाई। एसएसपी से मुलाकात के बाद परिवार की उम्मीदें भी बढ़ गयी हैं।
इससे पहले तक पीड़ित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत के साथ दो बार एसएसपी संकल्प शर्मा से मुलाकात की तब 12 दिन बाद थाना पुलिस ने गुमशुदगी में रिपोर्ट दर्ज कर खानापूर्ति कर ली थी। पीड़ित परिवार एसएसपी से लेकर सीओ-कोतवाल के दरवाजे तक नाक रगड़ता रहा लेकिन जांच को आगे नहीं बढ़ाया।
एसएसपी संकल्प शर्मा से लेकर कोतवाली तक पुलिस की लचर कार्यशैली से निराश परिजनों ने सात सितम्बर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बदायूं पुलिस को इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन हैरानी की बात है कि थानाध्यक्ष अवधेश कुमार को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में भी करीबन दो सप्ताह लग गए।
थानाध्यक्ष अवधेश कुमार ने इस मामले में कस्बा सैदपुर निवासी दो भाई मनोज माहेश्वरी और मोहित माहेश्वरी, मोहित के बेटे टीटू माहेश्वरी के अलावा अशोक, संदीप और अनुज माहेश्वरी के खिलाफ सीआरपीसी धारा-364 के तहत मामला दर्ज कर लिया। लेकिन इसके बाद फिर थाना पुलिस हाथ बांधकर बैठ गयी।
दरअसल शशांक का अपने ही परिवार की कस्बा सैदपुर निवासी युवती से पिछले 7 वर्षो से प्रेम सम्बन्ध था। युवती के घर वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे जिसे लेकर शशांक का अक्सर उनसे झगड़ा होता था। दोनों के बीच की बातचीत के मैसेज, ऑडियो बताते हैं कि दोनों जल्द ही घर से भागकर शादी करने वाले थे।
शशांक के भाई राहुल माहेश्वरी के मुताबिक बीते 16 जुलाई को शशांक युवती से उसके घर मिलने गया था। इस बीच युवती के पिता और चाचा ने उस पकड़ लिया और मारपीट की। परिवार के एक ही शख्स ने जब शशांक के घर वालों को उसकी मौजूदगी की जानकारी तो भी युवती के घर पहुँच गए और शशांक को उनके चंगुल से छुड़ाया। आरोप है कि युवती के परिवार वालों ने शंशाक को जान से मारने की धमकी दी थी।
वहीं 23 जुलाई को करीबन 12 बजे शंशाक के मोबाइल पर किसी नम्बर से कॉल आया था, जिसके बाद शशांक बाइक से घर से निकल गया। देर शाम तक जब शंशाक वापस घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की। राहुल की माने तो शंशाक ने बिसौली क्षेत्र में आसफपुर रोड स्थित अपने दोस्त की फोटो स्टूडियो दुकान पर बाइक खड़ी कर दी थी। इसके बाद से शशांक का कुछ अता-पता नहीं हैं।