बदायूं। देश के तमाम हिस्सों से होती हुई बच्चा चोरी की अफवाह अब जिले में आ चुकी है। बच्चा चोर गिरोह के आने, बच्चा चोरी होने, बच्चे को बोरे में रखते हुए किसी के पकड़े जाने, बच्चों की किडनी निकालने की अफवाह हर घंटे नए-नए स्थानों पर, नए-नए लोगों के माध्यम से उठ रही है। जबकि अभी तक एक भी प्रमाणिक घटना जिले में कहीं नहीं हुई है।
गुरूवार को उझानी के एक स्कूल से तीन बच्चों के गायब होने की अफवाह बहुत तेजी से फैली। बच्चा चोर की अफवाह अभिभावक और स्कूल प्रशासन भी हैरानी में आ गया। अध्यापकों के फोन घनघनाने लगे हालाँकि स्कूल प्रशासन द्वारा ऐसी किसी भी घटना से इंकार कर दिया गया। बच्चा चोर के इस अफवाह से भय और आशंका का माहौल में कोई अनहोनी घटना हो जाने की भी आशंका बन रही है। दो दिन पूर्व ही क्षेत्र के एक गाँव से जब दो बच्चे लापता हुए तो अफवाहों से बाजार गर्मा गया, हालाँकि देर रात दोनों बच्चे एक ढाबे से बरामद हुए, दोनों बच्चे खेलते हुए वहां पहुँच गए थे जिसके बाद वो वहीं सो गए थे।
दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो को देश के अलग अलग हिस्सों में साझा किया गया है जिसके बाद बेकसूर लोगों को भीड़ ने निशाना बनाया है। बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ का शिकार हुए लोग मजदूरपेशा थे या मानसिक विक्षिप्त। इस मारपीट में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
व्हाट्सअप वीडियो से फैली हैं अफवाहें
बच्चा चोरी के अधिकांश भ्रान्तिया व्हाट्सअप वीडियो से फैल रही हैं। एक वीडियो जो देश के तमाम हिस्सों में सबसे अधिक वायरल हुआ है उसमें मोटरसाइकिल सवार दो युवक खेलते हुए बच्चों के एक समूह की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं और एक बच्चे को उठाकर वहां से भाग जाते हैं। व्हाट्सअप पर वायरल किए गए इस वीडियो के कैप्शन में दावा किया गया है कि यह घटना भारत में हुई थी। जबकि यह अधूरा वीडियो पाकिस्तान के कराची का है। खास बात है यह वीडियो एक नुक्कड़ नाटक का हिस्सा है जिस एक गैर सरकारी संगठन ने लोगों में जागरूकता लाने के लिए 2016 में बनाया था। क्योंकि वहां सालाना 3000 हजार बच्चे गायब हो जाते हैं। लेकिन अब इस वीडियो में कांटछांट कर गलत संदेश के साथ वायरल किया जा रहा है।
व्हाट्स पर वायरल एक वीडियो में कटे हुए शरीर नजर आ रहे हैं, बच्चा चोरी की अफवाहों में सबसे सशक्त हथियार यही वीडियो बना हुआ है। इसमें दावा है बच्चा चोर गिरोह ने इन लोगों की हत्या कर शरीर के पार्ट निकाल लिए हैं। हकीकत में यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि ब्राजील का है। 2017, जनवरी माह उत्तरपूर्वी शहर नटाल की अलकास्विज़ जेल कैदियों के दो गुटों में गैंगवार हुआ था। इसमें तीन कैदियों का सिर काट दिया गया था। ऐसी ही घटना इसी साल जुलाई माह में अल्टामीरा जेल में भी हुई जिसमे 16 कैदियों के सिर काट दिए गए, इस दंगे में 52 लोगों की मौत हुई थी।
सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल है जिसमे कुछ युवक-युवतियों के साथ पुलिसकर्मी खड़े हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के साथ दावा है कि पुलिस ने बच्चा पकड़ने वाली 25 लोगों की गैंग को पकड़ा है लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नही हैं। इन सभी को मध्यप्रदेश के रतलाम में देह व्यापार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
व्हाट्सअप पर वायरल एक वीडियो महाराष्ट्र का है जिसमे एक आदमी बच्चे के साथ जाता दिखता है और शिर्डी में पुलिस द्वारा उसे उठाया जाता है। वीडियो में बच्चा पत्रकारों को यह कहते हुए देखा जाता है कि उसका बुलढाणा में आदमी द्वारा अपहरण कर लिया गया था। इस वीडियो को भी आधा ही वायरल किया गया है।यह क्लिप इस तथ्य को छोड़ देती है कि लड़के ने बाद में अपनी कहानी वापस ले ली और बताया वह बुलढाणा से शिरडी के लिए अपनी मर्ज़ी से उस आदमी के साथ आया था। वो आदमी परिवार का मित्र है और उसने पहले झूठ इसलिए बोला क्योंकि उसके परिवार को आदमी को पैसे वापस देने हैं।
ऐसे ही अनगिनत झूठे दावों के साथ कई वीडियो, फोटो सोशल मीडिया में वायरल किए जा रहे हैं। कोई अच्छा सिस्टम भी किस तरह खतरनाक हो जाता है, इससे जानना है तो आज सोशल मीडिया प्लेटफार्म इसका ताजा उदाहरण है। यहां से प्रसारित हो रहीं बहुत सारी जानकारियां भ्रामक सिद्ध हो रही हैं। ज्यादातर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उकसाने वाले तत्वों ने कई बड़ी घटनाओं को जन्म दिया है। उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता है। सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाहों ने पिछले कुछ माह में देश भर में करीबन 20 लोगों की जान ले ली है। फ़िलहाल ऐसी भ्रामक जानकारी को साझा करने से बचने की जरूरत है।