कछला(बदायूं)। कछला गंगा घाट पर MBBS के तीन छात्रों की मौत हो गयी। दर्दनाक हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया। इस बीच मेडिकल कॉलेज के कुछ ऐसे भी छात्र थे जिन्हें न किसी के प्रति कोई संवेदना थीं, न ही चेहरे पर शिकन। इन छात्रों ने गंगा घाट पर पत्रकारों के साथ बत्तमीजी की। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पर भी गालीगलौच करते हुए नजर आए।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र राजस्थान के भरतपुर निवासी 23 वर्षीय अंकुश, गोरखपुर निवासी 22 वर्षीय प्रमोद यादव, हाथरस निवासी 22 वर्षीय नवीन सेंगर, बलिया निवासी 24 वर्षीय पवन यादव और जौनपुर निवासी 26 वर्षीय जय मौर्य बाइक से शनिवार को महाशिवरात्रि पर गंगास्नान करने कछला घाट पहुंचे थे। करीबन एक बजे छात्र गंगा में डूब गए। इनमें से अंकुश और प्रमोद को तुरंत ही बचा लिया गया जबकि अन्य तीन युवकों के शव 24 घंटे बाद बरामद हुए हैं।
रविवार सुबह से एसडीआरएएफ ने अपना अभियान शुरू कर दिया था। तीनों छात्रों के परिजन समेत कॉलेज के छात्र भी घाट पर मौजूद थे। दोपहर में जब स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ की टीम ने शवों को निकाला तो हर किसी की आंख नम हो गई। एसडीआरएफ को पहला शव साढ़े 12 बजे मिला, इसके बाद स्थानीय गोताखोरों को 10-10 मिनट के अन्तराल से बाकि दोनों शव भी मिल गए। तीनों शव घटनास्थल से करीबन 400 मीटर दूर बरामद हुए।
एसडीआरएफ की टीम जब एक एक कर तीनों शवों को वोट से ला रही थी तो अपने बेटे का चेहरा देखने के लिए परिजन दौड़ पड़े। तीनों शव पानी में अकड़ गए थे, उन्हें देखकर परिजनों की चीखें निकल पड़ी। आसपास खड़े लोगों की आँखें भी नम हो गयीं। इसी दौरान घटना की कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ छात्रों ने बत्तमीजी की, छात्रों ने पत्रकारों को कवरेज करने से रोका। साथ ही मोबाइल छीनने की धमकी भी दे डाली। इन छात्रों ने न बिलखते हुए परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की, न ही शवों को देखकर चेहरे पर कोई शिकन नजर आई।
वहीं घटना के बाद शनिवार से ही अंकुश प्रशासन और पत्रकारों का सहयोग कर रहा था, उसने पूरा घटनाक्रम बताया। रविवार को भी वो अपने लापता साथियों की तलाश में घाट पर मौजूद था। उसे एसडीआरएएफ की टीम के साथ वोट में जाने के लिए पूछा गया तो इससे भी उसने इनकार नही किया। तीनों शव बरामद हुए तो अंकुश का रो-रोकर बुरा हाल था।
पोस्टमार्टम हाउस पर गालीगलौच
तीनों छात्रों का शव बरामद होने के बाद प्रशासन ने उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज गया तो यही बेहूदे छात्र वहां भी पहुँच गए, वहां पत्रकारों ने परिजनों से बात करने की कोशिश की तो छात्रों ने इसका विरोध किया। जब पत्रकारों ने इस पर आपत्ति व्यक्त की तो छात्रों ने उनके साथ गालीगलौच करना शुरू कर दिया।
एक दिन पहले भी की थी बत्तमीजी
इससे पहले शनिवार को गोताखोरों ने लापता तीन छात्रों की तलाशी में सघन अभियान चलाया था, इन गोताखोरों के पास न लाइफ सपोर्ट जैकेट थी। न ही ऑक्सीजन मास्क। इसके बावजूद गोताखोरों ने 5 घंटे तक गंगा के ठन्डे पानी में छात्रों को तलाश किया। हालत कुछ ऐसे हो गए कि रात में ही कई गोताखोरों को बुखार आ गया था। इस सबके बावजूद छात्रों ने गोताखोरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। वहीं जब पत्रकार गंगा घाट पर पहुंचे तो उन्होंने अंकुश से बात करने की कोशिश की लेकिन अंकुश के जवाब देने से पहले ही इन्ही छात्रों ने पत्रकारों पर अभद्र टिप्पणी की। साथ ही उन्हें देख लेने की धमकी दे डाली।
घटना के बाद सख्ती की आशंका
राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें गंगा स्नान करने जैसी गतिविधियों की इजाजत नहीं है। छात्र को कॉलेज से बाहर जाने के लिए पहले वार्डन से अनुमति लेनी होती है, साथ ही वार्डन उनके अभिभावकों को जानकारी देते कि संबंधित छात्र किस काम से कहां जा रहा है। लेकिन शनिवार को गंगा नहाने आए छात्रों ने इन नियमों का पालन नहीं किया, वार्डन की गैर मौजूदगी पांचों छात्र गंगा स्नान के लिए निकल आए थे। हादसे के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन छात्रों की सुरक्षा पर कड़ा रुख अपना सकता है। माना जा रहा कि इसी वजह से छात्र अपना गुस्सा पत्रकारों पर निकाल रहे हैं। वहीं छात्रों की बत्तमीजी के सम्बन्ध में राजकीय मेडिकल कॉलेज के सीएमसी सीपी सिंह ने बताया कि मामले अभी संज्ञान में नहीं हैं, छात्रों से इस विषय में पूछा जाएगा।