उझानी(बदायूं)। दिल्ली हाईवे से सटे गांव हजरतगंज में चार वर्ष से जलभराव का सामना कर रहे ग्रामीणों की मुश्किलें अभी कम नहीं होंगी। नाला निर्माण पर ‘मुआवजे’ का अडंगा लगा दिया गया है। जिसके बाद गांव प्रधान ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है।
ब्लॉक क्षेत्र के हजरतगंज गांव में दिल्ली हाईवे फोरलेन बनने के बाद गांव की नालियों का जल निकास बंद हो गया है। नाला न होने की वजह से पानी का निकास नहीं हो पाता। जिससे नालियों का गंदा पानी सड़क पर भरने के बाद घरों में घुस रहा है। बीते चार वर्षों से ग्रामीण लगातार नाले की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसके लिए प्राशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इसी साल जब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिस्कार किया तो हडकंप मच गया। जिसके बाद मनरेगा के तहत नाला निर्माण का फैसला लिया गया।
वहीं गांव प्रधान ब्रह्मपाल ने बताया कि मंगलवार से हाइवे किनारे नाला निर्माण का कार्य शुरू होना है, इस क्रम में सबसे पहले बुलडोजर की मदद से खुदाई की जाएगी। लेकिन गांव के ही अम्बेश अनुग्रह सिंह ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। अम्बेश के मुताबिक नाला निर्माण के लिए आबादी की ओर कोई अवशेष स्थान नहीं बचा है। घरों के सामने खाली भूमि को स्वामियों ने अधिग्रहण के लिए छोड़ा है। जब तक मकान स्वामियों को अधिग्रहण भूमि का मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक नाला निर्माण नहीं होगा। अम्बेश के नाला निर्माण को अवैध बनाते हुए गांव प्रधान को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
गांव प्रधान ने की डीएम से शिकायत
प्रधान ब्रह्मपाल ने डीएम को अपनी शिकायत में कहा है कि दिल्ली हाइवे निर्माण के बाद भी गाँव के पानी की निकासी के लिए नाला नहीं बनाया गया। इस सम्बन्ध में पीडब्ल्यूडी विभाग को अवगत करवाया गया था। ग्रामीणों की परेशानी के मद्देनजर मनरेगा के तहत नाला निर्माण कार्य होना है लेकिन अम्बेश अनुग्रह सिंह को इस पर आपत्ति है। इसीलिए राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा हाईवे किनारे जगह दी जाए जिससे नाला निर्माण हो।