उझानी। अतिक्रमण के कारण नगर की रफ्तार थम सी गई है पर सुध लेने वाला कोई नहीं है। कहीं सड़क पर दुकानें सज रहीं हैं तो कहीं फुटपाथ पर कब्जा कर है। अतिक्रमण से आए दिन लग रहे जाम से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका आँखें मूंदे हुए है जिससे दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। लिहाजा नगर को अतिक्रमण मुक्त बनाने का ख्वाब अभी तक अधूरा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को अपने-अपने जिले में संयुक्त अभियान चलाकर अवैध वाहन स्टैंडों बंद कराने, अतिक्रमण और गति अवरोधक हटवाने के आदेश दिए थे। सीएम चाहते थे कि हर नगर, शहर में व्यवस्थित पार्किंग हो ताकि कोई वसूली नहीं कर पाए। उन्होंने अवैध स्टैंड नहीं हटाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने सड़कों पर अवैध तरीके से अतिक्रमण करने वालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बीते साल 19 मई को हुए इस आदेश का पालन कराने के लिए शुरूआत में अफसरों को चिंता रही। कुछ स्थानों पर बुलडोजर से अतिक्रमण हटाया भी गया। लेकिन बाद में इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हाल यह है कि जहां से अतिक्रमण हटाया गया था। वहां फिर पुरानी स्थिति बन गई है।
सड़कों पर हो रही दुकानदारी
नगर का रेलवे स्टेशन, बदायूं-कछला, बिल्सी, पुरानी अनाज मंडी अति व्यस्तम मार्ग है लेकिन यहाँ लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। बाजारों में जाम लगने का असल कारण दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण है। दुकानदारों ने तीन से चार फीट तक सामान बाहर लगाकर अतिक्रमण कर रखा है। बाजारों में खरीदारी करने आने वाले लोगों अथवा सड़कों पर वाहन लेकर गुजरने वाले लोगों को अतिक्रमण के कारण ही जाम में फंसना पड़ता है। ऐसा कोई दिन नहीं जब नगर की सड़कों पर जाम के कारण वाहनों का लंबा काफिला न लगता हो। सीएचसी में मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस आए दिन जाम में फंसी रहती है। विद्यालयों से घर लौट रहे छात्र-छात्राएं भी जाम में फंसकर परेशान होते हैं। इन अतिक्रमणकारियों को न तो प्रशासन का डर है और न आम लोगों की संवेदनाओं का ख्याल। अपने फायदे के लिए इन लोगों ने नगर की खूबसूरती को पूरी तरह बिगाड़ कर रख दिया है।
नगर क्षेत्र में मुख्य चौराहे से बदायूं मार्ग पर काफी चौड़ा फुटपाथ है। फुटपाथ पर दुकानों के अलावा अवैध रूप से रेहड़ी-पटरी, ठेला, खोखा वालों ने कब्जा कर लिया है। कहीं फुटपाथ पर वाहनों की मरम्मत का काम चल रहा है तो कहीं रेता-बजरी पसरा हुआ है। फर्नीचर बेचने वाले दुकानदार भी फुटपाथ पर हैं। सब्जी मंडी भी फुटपाथ पर लग रही है। ऐसे में फुटपाथ जिस उद्देश्य के लिए बनाए गए थे, उसके सिवा इन पर सब कुछ हो रहा है।
ई-रिक्शा पर नहीं है अंकुश
नगर में बैट्री रिक्शा वाहनों की बढ़ती संख्या भी जाम की बड़ी वजह है। नगर में हजारों की संख्या में ई-रिक्शा का संचालन सवारियों को ढोने के लिए किया जा रहा है। ई-रिक्शा चलाने के लिए चालक का लाइसेंस होना जरूरी है। इसके साथ ही ई-रिक्शा का पंजीकरण भी होना चाहिए। इसके बाद भी कई चालकों के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस है और न ही रिक्शे का पंजीकरण। कुछ तो ऐसे चालक हैं जो कि नाबालिग हैं, वह पूरा दिन पूरे नगर में फर्राटा भरते रहते हैं। बावजूद इसके इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
खत्म नहीं हुए अवैध वाहन स्टैंड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को दरकिनार कर नगर में पुराने बिजली घर, बदायूं बाईपास, बरी बाईपास पर अवैध वाहन स्टैंड संचालित हैं। यहाँ ई-रिक्शा और टेम्पों की वजह से बार-बार जाम की स्थिति बनती है।
कब होगा स्थाई समाधान?
नगर में अतिक्रमण की समस्या काफी पुरानी है। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान भी चलता है, प्रशासन इस बात से भलीभांति वाकिफ है कि अभियान के तुरंत बाद ही अतिक्रमण वापस लौट आएगा लेकिन इसका स्थाई समाधान नहीं होता है। बीते साल नगर पालिका ने अभियान के बाद बाजार में नजर रख अतिक्रमणकारियों पर जुर्माने लगाने का दावा किया था लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।
वहीं अधिशासी अधिकारी अब्दुल सबूर ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस जारी किया है, बाजार में एनाउंसमेंट भी करवाया है। नाली से बाहर अतिक्रमण करने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द अतिक्रमण को हटाने का प्रयास करेंगे।