लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से सभी ग्राम पंचायतों में एक मिनी सचिवालय स्थापित करने की बात कही थी जिनमें अब एक पंचायत सहायक की नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए चयन 30 जुलाई से शुरू होगी और 10 सितंबर तक नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे। पंचायत सहायकों की नियुक्ति ग्राम पंचायत स्तर पर की जाएगी। प्रधान अपने परिवार व रिश्तेदारों को इसमें नहीं रख पाएंगे। साथ ही पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत जिस श्रेणी में आरक्षित होंगी उसी श्रेणी के सहायक का चयन किया जाएगा।
प्रदेश पंचायती राज विभाग ने राज्य में 10वीं और 12वीं पास महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा इंट्री आपरेटर 58189 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक पंचायत सहायक तैनात होंगे। 10वीं व 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट के जरिए यह भर्ती होगी। अभ्यर्थी उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। 18 से 40 वर्ष की आयु के लोग इसमें आवेदन कर सकते हैं। पंचायत सहायक एक साल की संविदा पर रखे जाएंगे। उन्हें छह हजार रुपये महीना मानदेय मिलेगा।
पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के मुताबिक पंचायत सहायक के पद पर ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, सदस्य अथवा सचिव का संबंधी नहीं नियुक्त किया जा सकेगा। एक सादे कागज पर आवेदन लिखकर सभी जरूरी दस्तावेजों (जैसे- हाई स्कूल और इंटर सर्टिफिकेट, उम्र और जाति प्रमाण पत्र) के साथ अपने ग्राम पंचायत या संबंधित विकास खंड या जिला पंचायती राज अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा।
ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक के पद पर आवेदन करने वाले उम्मीदवार की आयुसीमा 1 जुलाई से 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हालांकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियमानुसार छूट दिए जाने का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अलावा पंचायत सहायक के लिए आवेदन करने वाले ने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा पास कर ली हो। कंप्यूटर चालन का ज्ञान रखने वाले अभ्यर्थी को वरीयता दी जाएगी।
पंचायत सहायक की संविदा एक वर्ष के लिए होगी, यदि सेवाएं संतोषजनक पाई जाती हैं तो ग्राम सभा की खुली बैठक में विचार कर उसकी संविदा एक-एक वर्ष करके दो वर्ष बढ़ाई जा सकती है। वहीं, पंचायत सहायक का कार्य व आचरण संतोषजनक न होने की दशा में उनके विरूद्ध कार्रवाई ग्राम पंचायत कर सकती है। एक माह की नोटिस पर इन्हें हटाया भी जा सकता है।
ग्राम पंचायत में यदि किसी की कोरोना से मृत्यु हो गई है तो उनके परिवार से जैसे पत्नी या पति, पुत्र, अविवाहित पुत्री, विधवा पुत्री, विधवा माता, अविवाहित भाई, अविवाहित बहन को सबसे पहले चयनित किया जाएगा। कोविड-19 पाॅजिटिव होने की तिथि से 30 दिन के अंदर मृत्यु कोविड-19 से मृत्यु मानी जाएगी। यदि आरक्षण श्रेणी की ग्राम पंचायत है और मृतकों के परिजन उस आरक्षण श्रेणी को पूरा करते हैं साथ ही वे इंटरमीडिएट पास हैं तो उनका चयन कर लिया जाएगा। सामान्य श्रेणी की ग्राम पंचायतों में कोरोना से मृत्यु का लाभ सामान्य श्रेणी के परिवारों को ही दिया जाएगा। यदि एक से अधिक आवेदन इस श्रेणी में आते हैं तो मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा।
भर्ती के प्रमुख दिशा-निर्देश
– चयनित व्यक्ति को 6000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा।
– चयन एक वर्ष के लिए होगा। ग्राम सभा एक वर्ष बाद नए पंचायत सहायक की नियुक्ति कर सकेगी।
– कार्यरत पंचायत सहायक के कार्य से संतुष्ट होने पर ग्राम सभा की खुली बैठक में प्रस्ताव पास कर एक-एक वर्ष कर दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।
– ग्राम पंचायत तय प्रक्रिया से पंचायत सहायक का चयन कर सूची जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति को भेजेगी।
– डीएम की अध्यक्षता वाली समिति चयनित अभ्यर्थी की अर्हता व पात्रता का परीक्षण कर संस्तुति देगी। वह उस सूची में कोई बदलाव नहीं कर सकती है। यदि ग्राम पंचायत द्वारा चयनित अभ्यर्थी तय योग्यता पूरा नहीं करता है तो समिति पंचायत को फिर से चयन के लिए कहेगी। चयन पंचायत ही करेगी।
– अर्हता व योग्यता पूरी करने वाले 18 से 40 वर्ष के ग्राम पंचायत के निवासी आवेदन कर सकेंगे। एससी-एसटी व ओबसी को 5 वर्ष की छूट।