उझानी (बदायूं)। शहर के अंदर बेतरतीब फैले अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान पहले दिन ही विवादों के नाम रहा। प्रशासन के पक्षपाती रवैये पर अभियान के पहले ही दिन लोगों ने सवालिया निशान खड़े कर दिए। नगर पालिका प्रशासन का पक्षपाती रवैया लोगों को इस कदर नागवार गुजरा कि हाथापाई की नौबत तलक आ गयी। जिसके खिलाफ पालिका कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा की है।
शनिवार दोपहर स्टेशन रोड पर अतिक्रमण प्रभारी संजय गौतम, लिपिक विकास मथुरिया, सफाई निरीक्षक हरीश त्यागी पालिका कर्मियों के साथ जेसीबी और टैक्टर ट्रक लेकर पहुंचे। यहाँ पहुंचते ही जेसीबी ने छोटे दुकानदारों की टीन शैड को निशाना बनाया। प्रशासन का डंडा केवल उन्हीं दुकानों चला जो टीन टप्पर डाले हुए थे। वहीं नालों पर कब्जा जमाए तमाम इमारतों, बड़े व्यापारियों के होर्डिंग को स्थायी अतिक्रमण और परमीशन का हवाला देकर छोड़ दिया गया। पालिका प्रशासन के इस पक्षपाती रवैये के खिलाफ शुरुआत से ही व्यापारीगण एकजुट हो गए। शंकर गुप्ता, मन्नू गुप्ता, लालाराम राठौर ने कहा कि वास्तव में प्रशासन का काम गरीबों को परेशान करना है। अगर अतिक्रमण हटाना ही है तो सबको एक साथ हटाएं।
स्टेशन रोड पर चुनिंदा लोगों को निशाना बनाने के बाद प्रशासन कछला रोड पर पहुंचा लेकिन नगर के मुख्य चौराहे से अशफाक तिराहे तलक किसी भी दुकान की न टीन उखाड़ी गयी, न ही सडक पर पसरा उसका माल जब्त किया गया। लेकिन यहाँ दुकानदारों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है, सवाल अब यही है कि जब अतिक्रमण से पटे हुए इस इलाके में पालिका प्रशासन नतमस्तक हो गया तो स्टेशन रोड पर राठौर मेडिकल स्टोर, छावड़ा भोजनालय, छावड़ा फैशनपॉइंट सहित चुनिंदा दुकानों को निशाना क्यों बनाया गया है, वहीं जब पिछले एक सप्ताह से लगातार एनाउंसमेण्ट से अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी जा रही थी तो आज अतिक्रमण हटाने के दिन चेतावनी देकर कुछ लोगों को क्यों छोड़ दिया गया? जबकि अतिक्रमण की जद सबसे ज्यादा कछला रोड का इलाका है। हर दिन यहाँ जाम की समस्या होती है।
पालिका प्रशासन ने अशफाक तिराहे से गौशाला की ओर दुकानों का जब टीन शेड को नोचना शुरू किया तो वहाँ भी स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इसी दौरान भाजपा नेता और व्यापारी संजीव गुप्ता और नगर पालिका कर्मचारियों में बहस हो गयी। कहासुनी इस कदर बढ़ी कि दोनों पक्षों में हाथापाई भी हो गयी। संजीव गुप्ता का आरोप है कि उनकी दुकान मुख्य सड़क बहुत दूर है इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया जब इसका विरोध किया तो प्रशासन ने उनके पिता से अभद्रता की। उन्होंने बताया कि पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने में मनमाना रवैया अपनाता है।
वहीं इस मामले में पालिका कर्मचारियों ने संजीव गुप्ता पर जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल कर सरकारी कार्य में बाधा आरोप लगाया है। संजय गौतम, लिपिक विकास मथुरिया के मुताबिक संजीव गुप्ता ने उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया बल्कि नगर पालिका अध्यक्ष को भी अपशब्द कहे। जिसके बाद संजीव गुप्ता के खिलाफ कार्यवाही को लेकर पालिका कर्मचारियों ने लामबंद होकर हड़ताल की घोषणा की है। अधिशासी अधिकारी डीके राय ने बताया कि संजीव गुप्ता सहित चार अन्य लोगों के खिलाफ तहरीर दी है।
पालिका प्रशासन भी है मजबूर
कस्बे में अतिक्रमण के खिलाफ नगर पालिका प्रशासन लम्बे वक्त से अभियान चलाता आ रहा है। लेकिन व्यापारी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में सड़को पर दुकान सजा लेते हैं। नतीजतन कछला रोड की संकरी सडक पर हर दिन जाम की स्थिति पैदा होती है। दुकानदार बरसात, धूप से बचने के लिए एक निश्चित सीमा में फोल्डिंग शैड का इस्तेमाल न करने की बजाए सड़क के मुहाने तक टीन शैड डालते हैं। जिससे न सिर्फ जाम लगता है बल्कि पैदल राहगीरों को मुश्किल होती है।