हाथरस/बदायूं। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। साकार हरि बाबा के समागम में भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 6 लोग बदायूं जनपद के भी हैं हालांकि यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है।
नारायण साकार हरि भोले बाबा का समागम हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में एक खेत में चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। इसी दौरान सत्संग में स्वयंसेवकों भोले बाबा के वाहनों के काफिले को निकालने भीड़ रोक दिया। स्वयंसेवकों ने लाठी डंडों से भीड़ को धकियाकर रोकने और बाबा के काफिले की चरण धूल लेने की होड़ के बीच कुछ महिलाएं गिर पड़ी। इसी बीच स्वयं सेवकों ने उन्हें धकेला तो वहां भगदड़ मच गई और गिरे लोगों को पीछे से आ रहे लोग कुचलते गए। इस भगदड़ के दौरान काफी संख्या में लोग एनएच के सहारे कीचड़युक्त खेत में गिर गए और उनके ऊपर से भी भीड़ गुजरती चली गई। आनन-फानन आसपास के ग्रामीणों ने राहत व बचाव कार्य शुरू किए और प्रशासन को सूचना दी।
हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। हादसे के बाद घायलों और शवों को एंबुलेंस, ऑटो-टैंपो, मैजिक और बसों से भरकर सिकंदराराऊ सीएचसी और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। सीएचसी के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
बदायूं के 6 लोगों की मौत
भोले बाबा के समागम में अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, लखीमपुर, कासगंज, आगरा, बदायूं समेत दूसरे राज्यों हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान से भी अनुयायी पहुंचे थे। इस हादसे में बदायूं के 6 मृतकों की पहचान हुई है। बिल्सी कस्बे से मंगलवार सुबह करीब छह बजे निजी बस रवाना हुई थी। उसमें करीबन 55 लोग सवार थे। कस्बे के मोहल्ला नंबर पांच निवासी रोशनी (अंजली) पुत्री कैलाश और ग्राम फतेहनगला निवासी वीरवती पत्नी प्रेमपाल भी अपने परिवार की महिलाओं के साथ सत्संग में शामिल होने गईं थीं। भगदड़ में दोनों की जान चली गई।
समागम में बिसौली निवासी कुसुमा (38) पत्नी ज्ञानसिंह भी गईं थीं। वह भगदड़ में घायल हुई थीं, जिन्होंने दम तोड़ दिया है। इस्लामनगर के लभारी गांव निवासी धर्मवती (44) पत्नी जगपाल की भी मौत हो गई है। बिल्सी के ग्राम गढ़ी के रहने वाली मंगू देवी (60) पत्नी प्रेमपाल की भी इस हादसे में जान चली गई है। वहीं सहसवान के ग्राम करियाबेन निवासी पिंकी शर्मा (25) पुत्री श्याम बाबू शर्मा की गई हादसे में मौत हो गई है।
सहसवान निवासी वीरेंद्र ने बताया कि कस्बा क्षेत्र से तकरीबन 10 गाड़ियों से लोग सत्संग में शामिल होने गए थे। दातागंज के मोहल्ला सुरेंद्र पाल शर्मा के अनुसार उनके आसपास के लगभग 10 लोग सत्संग में गए थे। म्याऊं क्षेत्र के गांव अल्लाहपुर, विशुनपुरी, नगरिया से महिलाएं सत्संग में गई थीं।
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
बदायूं डीएम मनोज कुमार ने बताया कि इस हादसे से जुड़ी किसी भी सूचना लेने अथवा देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। नंबर 7505389289 व 05832- 266054 हैं। इन नंबरों पर किसी भी वक्त कॉल करके हादसे से जुड़ी जानकारी ली जा सकती है। यदि कोई जानकारी देना चाहे तो भी इसी नंबर पर कॉल लगाना होगी।
मुख्य सचिव बोले 80 हजार लोगों की अनुमति थी
यूपी के मुख्य सचिव ने मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 80 हजार की अनुमति थी। मौके पर ज्यादा भीड़ जमा हो गई थी। सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। सीएम ने 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है। डीजीपी और मुख्य सचिव ने मौके का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
34 जिलों के डॉक्टर्स और प्रशासन अलर्ट
यूपी सरकार के मंत्री संदीप सिंह का कहना है, ‘प्रदेश सरकार सभी घायलों को जल्द से जल्द समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए काम कर रही है। सरकार ने आसपास के 34 जिलों के सभी प्रशासन और डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया है। केंद्र की ओर से मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जा रहे हैं और राज्य सरकार मृतकों के परिवारों और घायलों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुए हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है।घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और पल-पल की रिपोर्ट के लिए प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों (असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी), मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है और लगातार उनके संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र लगातार राज्य सरकार के संपर्क में
पीएम मोदी ने हादसे पर कहा है कि यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई, उसमें अनेकों लोगों की मृत्यु की खबर आ रही है। जिन लोगों की जान गई है, मैं उन लोगों के लिए संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं सभी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। केंद्र लगातार राज्य सरकार के संपर्क में है। मैं भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर तरह से मदद की जाएगी।
कौन हैं नारायण साकार हरि?
साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। बाबा कासगंज के पटयाली के रहने वाले हैं। सूरज पाल अपने समागम में लोगों से कहते हैं कि 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में नौकरी छोड़ दी। हालांकि सच इससे बिलकुल अलग है। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले बाबा इटावा में पोस्टेड थे। नौकरी के दौरान यौन शोषण का मुकदमा लिखे जाने के बाद उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपना नाम और पहचान बदल लिया और बाबा बन गए। गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते हैं। बहुधा वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनते हैं।
भोले बाबा के समागम में किसी हिन्दू देवी देवता, धार्मिक ग्रन्थ की बात नहीं होती है, बाबा ने खुद को भगवान बना रखा है। कुछ मौकों पर यूपी कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा जा चुका है, इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। फ़िलहाल इस हादसे के बाद सूरजपाल फरार है, पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।