बदायूं। शहर में गुरुवार को भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठी भांजी। जिसमे कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं। अनुसूचित जाति की एक शिक्षिका ने स्कूल के प्रधानाचार्य पर छेड़छाड़ और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा करवाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन इस मुकदमे को करीबन 28 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। कार्यकर्ता इसी मामले में प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसएसपी ऑफिस का घेराव करने पहुँचे थे।
नवादा के प्राथमिक स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ दर्ज मामले में बरेली मंडल के भीम आर्मी के करीबन 200 कार्यकर्ता एसएसपी ऑफिस का घेराव करने पहुँचे थे। जिलाध्यक्ष समीर सागर के नेतृत्व में कार्यकर्त्ता नारेबाजी करते हुए एसएसपी दफ्तर की ओर बढ़ रहे थे तभी पुलिस ने रास्ते में रोक लिया। एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव, सीओ सिटी आलोक मिश्रा और सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन कार्यकर्ता वापस जाने को तैयार नहीं हुए जिसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं में काफी बहस हुई। पदाधिकारी और कार्यकर्ता उग्र हुए तो पुलिस ने उन्हें समझाया लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुए।
इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठीचार्ज से अफरातफरी मच गई। लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर भागे। किसी ने कचहरी में शरण ले ली तो कोई दुकानों में जा घुसा। पुलिस ने कलेक्ट्रेट चौराहे तक दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस मामले में संगठन के जिलाध्यक्ष समीर सागर समेत 16 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
कई दिनों से धमकी दे रहे थे कार्यकर्त्ता
बीते 3 अगस्त को दर्ज मुकदमे के मामले में भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता कई दिनों से सोशल मीडिया में धमकियाँ दे रहे थे। कई ट्वीट में लिखा गया कि हम एसएसपी ऑफिस में ताला डालने आ रहे हैं जबकि कुछ ने लिखा कि प्रशासन को अगर कोई परेशानी है तो एसएसपी ऑफिस में मिल लेना, भीम आर्मी सेवा देने के लिए 24 घंटे तैयार है। इसके लिए बाकयदा ‘एसएसपी कार्यालय बंद करो’ हैशटेग भी चलाया गया।
इन ट्वीट के जवाब में बदायूं पुलिस के ट्वीटर हैंडल से लिखा गया कि जो भी जनपद बदायूँ मे आकर कानून को हाथ मे लेने की कोशिश करेगा उसके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इसी के मद्देनजर भारी मात्रा में पुलिस बल सुबह से ही अम्बेडकर पार्क, एसएसपी ऑफिस पर लगा दिया गया था। बिल्सी और सहसवान थानों से भी फोर्स भी बुलाया था।
करीबन 20 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
आरिफपुर नवादा गांव के कंपोजिट विद्यालय में तैनात शिक्षिका मूलरूप से लखनऊ की निवासी है, फिलहाल वो बदायूं में रहती हैं। शिक्षिका ने महानिदेशक शिक्षा विजय किरण आनंद को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि शिक्षक संघ अध्यक्ष और स्कूल प्रधानाचार्य संजीव कुमार शर्मा का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं है। आरोपी उन्हें बिना मोबाइल के अपने कक्ष में बुलाता है। साथ ही उसके गले में हाथ डाल देता है।
आरोप है कि अश्लील हरकतों का विरोध किया तो कहा कि एक बार मालवीय आवास आवास पर बने कमरे में आ जाओ, फिर सब ठीक हो जाएगा। शिक्षिका का कहना है कि प्रधानाचार्य खुद को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का रिश्तेदार और बीएसए को अपना मौसा बताकर सस्पेंड करने की धमकी देते हैं। शिक्षिका का कहना है कि प्रधानाचार्य कई दिनों तक स्कूल से गायब रहते हैं और किसी भी तरह का शिक्षक कार्य नहीं करते। साथ ही एक ही दिन में उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर देते हैं जिसका सबूत भी उसके पास है।
शिक्षिका की शिकायत पर सिविल लाइंस थाने में 3 अगस्त को मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन 20 से ज्यादा दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव का कहना है किमहिला शिक्षिका ने एससी एसटी एक्ट और छेड़खानी करने की एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसकी विवेचना सीओ सिटी द्वारा की जा रही है।