लखनऊ। प्रदेश में पुलिस अब व्यापारियों के खिलाफ मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकेगी। यह आश्वासन इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट में इस आशय का एक हलफनामा भी दाखिल किया है। राज्य सरकार जल्द ही इस मामले में पुलिस विभाग को गाइडलाइन भी जारी करेगी।
जनपद जालौन के व्यापारी विशाल गुप्ता की याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई की। याची विशाल गुप्ता के खिलाफ 20 फरवरी 2021 को नंदी गांव थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उनपर धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। याची ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती देते हुए व्यापारी ने कहा कि वह ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता है। अपने ट्रक पर सुपारी व तंबाकू लेकर बेचने जा रहा था। नंदी गांव थाने के दारोगा केदार सिंह ने गाड़ी रोक ली। दारोगा ने सारे पेपर मांगे। सभी वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद भी उन्होंने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
इसके बाद याची ने कोर्ट में याचिका दायर की दी। इस केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह और एसपी जालौन को तलब कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कोर्ट का कहना है कि यह लगातार देखने में आ रहा है कि पुलिस व्यापारियों के खिलाफ मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रही है और उन पर धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
इस पर बुधवार को कोर्ट में पेश हुए अमर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि याची व्यापारी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है। अपर मुख्य सचिव गृह और एसपी जालौन ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस की इस मनमानी कार्रवाई से राज्य सरकार की व्यापारियों को सहूलियत देने की नीति को धक्का लग रहा है। प्राथमिकी को देखने से ही स्पष्ट है कि इसे जानबूझकर परेशान करने के इरादे से दर्ज किया गया है।
इसके पूर्व कोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले में एसपी जालौन से जवाब मांगा था मगर सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, जिस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया और अधिकारियों को तलब किया था।