बदायूं। जिला प्रशासन ने शनिवार देर रात त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये आरक्षण जारी कर दिया गया है। जिसमें ग्राम प्रधान पद, बीडीसी सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख चुनाव के लिए आरक्षण आया है। इस बीच एक बार फिर से आरक्षण की एक सूची सोशल मीडिया में भी वायरल हो गयी है। हैरानी की बात है कि इस बार भी वायरल सूची में किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सम्बन्ध में हाईकोर्ट के आदेश के बाद संशोधित आरक्षण सूची शनिवार देर रात को जारी हुई। बताया जा रहा है कि रविवार सुबह को इसे ब्लॉक स्तर पर चस्पा किया जाएगा। लेकिन ब्लॉक स्तर पर चस्पा होने से पहले ही यह सूची वायरल हो गयी है। शनिवार शाम से वायरल हुई यह सूची अधिकांश व्हाट्सएप ग्रुप में पहुंच गई है। सूची में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से सम्बंधित किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं।
जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची वायरल होने का यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी जब सूची वायरल हुई तो प्रधान पद के संभावित उम्मीदवारों व उझानी एडीओ पंचायत के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में आया था। उस वक्त एडीओ पंचायत ने वायरल सूची को बगैर हस्ताक्षर वाली फर्जी सूची बताया।
वहीं बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव अंबियापुर निवासी रवींद्र शाक्य को सोशल मीडिया में फर्जी सूची वायरल करने के आरोप में जेल भेजा गया था। ब्लॉक स्तर पर सूची चस्पा होने से पहले ही वायरल हुई तो प्रशासन भी सतर्क हो गया और इस मामले को गंभीरता से लिया गया। सीडीओ निशा अनंत ने दो एडीपीआरओ के कंप्यूटर जब्त कर गोपनीयत स्तर पर मामले की जाँच की थी।