बदायूं। एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बीती रात जनपद के थानों में फेरबदल किया है। कुल 12 तबादले हुए हैं। इसमें उझानी एसएचओ को सिविल लाइंस एसएचओ बनाया गया है। सर्विलांस सेल प्रभारी प्रभारी को उझानी थाने की जिम्मेदारी दी गयी है।
एसएसपी ने उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह को उझानी से थाना सिविल लाइंस का प्रभारी बनाया है। संजय कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन से पीआरओ, कमलेश कुमार मिश्रा को प्रभारी यातायात से प्रभारी निरीक्षक उघैती बनाया। इंदु कुमार प्रभारी सम्मन सेल से प्रभारी निरीक्षक फैजगंज बेहटा, जवाहरलाल प्रभारी निरीक्षक फैजगंज बेहटा हटाते हुये से अपराध शाखा भेजा। अश्वनी कुमार पीआरओ से प्रभारी निरीक्षक जरीफ नगर, नीरज मलिक प्रभारी सर्विलांस सेल से प्रभारी निरीक्षक उझानी, राजेश कुमार थाना उघैती से साइबर थाना, रवि करन सिंह थाना जरीफ नगर से अपराध शाखा, देवेंद्र सिंह प्रभारी चौकी लालपुल थाना कोतवाली बदायूं से थाना हजरतपुर, विक्रम सिंह थाना हजरतपुर से थाना उसहैत, विवेक कुमार सिंह थाना उसहैत से पुलिस लाइन भेजा गया है।
कोतवाली में ही लिखा गया था इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा
उझानी इंस्पेक्टर करीबन 25 महीने कोतवाली में तैनात थे। मनोज कुमार का इससे पहले भी तबादला हुआ था, एसएसपी ने आदेश भी जारी कर दिया लेकिन कुछ ही देर बाद अगली सूची में इसे निरस्त कर दिया गया था। जिसे लेकर काफी सवाल उठे थे। साथ ही इंस्पेक्टर के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा भी लिखा गया था। दरअसल 23 मई 2016 को न्यायालय से उझानी लौटते समय अधिवक्ता साधना शर्मा की कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपित पीसी शर्मा, उसकी पत्नी कमलेश शर्मा, गिरीश मिश्रा, श्रद्धा गुप्ता, मस्ताना, नरेंद्र उर्फ पिंटू, राजू उर्फ रियाज, यासीन बाबा, इशरत और मोहब्बत पर प्राथमिकी हुई। क्राइम ब्रांच के इंस्पेकटर सिकंदर खां ने मई 2017 में आरोपित नरेंद्र उर्फ पिंटू को गिरफ्तार कर 4600 रुपये बरामद किए थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इसमें दो हजार का एक, पांच-पांच सौ के तीन और सौ-सौ के 11 नोट शामिल थे।
17 नवंबर 2023 को उझानी इंस्पेक्टर मनोज सिंह न्यायालय में पेश हुए। उस समय धनराशि तो 4600 ही थी लेकिन नोट बदले गए थे। उसमें पांच-पांच सौ के पांच, दो-दो सौ के पांच और सौ-सौ के 11 नोट पाए गए। जबकि गिरफ्तारी व बरामदगी के समय यानी मई 2017 में 200 के नोट चलन में ही नहीं आए थे।
उझानी इंस्पेक्टर ने बयान दिया कि विवेचक ने जो नोट बरामद किए थे, वही पेश किए गए हैं। नोट बदलने के लिए स्वयं विवेचक उत्तरदायी हैं। इसके बाद विवेचक न्यायालय में हाजिर हुए। विवेचक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट पेश करते हुए उझानी पुलिस की कहानी को फर्जी बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यह नोट आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदले गए हैं। इस प्रकरण की शिकायत साधना की बहन विपर्णा ने एडीजी से की। जिसके बाद उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मोहर्रिर अनुज कुमार पर फर्जी दस्तावेज गढ़कर गलत रिपोर्ट न्यायालय, साक्ष्यों से छेड़छाड़ की धारा में प्राथमिकी लिखी गई।
कोर्ट में चार घंटे खड़े रहे
मनोज कुमार सिंह इससे पहले बरेली में आंवला थाने के प्रभारी निरीक्षक थे। उन्होंने दुष्कर्म के एक मुकदमे की विवेचना कर उसमें आरोप पत्र लगाया था। अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान लगभग सभी गवाहों की गवाही हो चुकी थी। महज इंस्पेक्टर की गवाही नहीं हो पा रही थी। अदालत से प्रभारी निरीक्षक की गवाही के लिए लगातार समन जारी हो रहे थे। बावजूद इसके प्रभारी निरीक्षक अदालत नहीं पहुंचे। अदालत ने उनका वारंट जारी किया। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक अदालत पहुंचे। इससे नाराज न्यायाधीश ने प्रभारी निरीक्षक को हिरासत में लेते हुए कटघरे में खड़ा कर होने के आदेश दिए। करीब चार घंटे तक कटघरे में खड़े रहे। इसके बाद उन्होंने यह कहते हुए माफी मांगी की अति व्यस्तता के कारण वह अदालत में हाजिर नहीं हो पा रहे थे। अदालत ने माफीनामा कबूल करते हुए निरीक्षक के बयान दर्ज किए तब जाकर उन्हें राहत मिल सकी।