आंवला (बरेली)। जनपद बरेली की आंवला विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार और मौजूदा सरकार के विधायक धर्मपाल सिंह ने एक बार फिर से चुनावी मैदान जीत लिया है। उन्होंने सपा प्रत्याशी राधाकृष्ण शर्मा को 18 हजार से ज्यादा वोट से मात दी।
आंवला विधानसभा सीट से भाजपा ने धर्मपाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया। धर्मपाल सिंह इसके पहले 1996, 2002 और 2012 में विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में आंवला विधानसभा सीट से धर्मपाल सिंह ने जीत दर्ज की। वहीं समाजवादी पार्टी ने पंडित राधा कृष्ण शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया। धर्मपाल सिंह को 88789 वोट मिले जबकि राधाकृष्ण शर्मा को 70230 वोट मिले हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी के लक्ष्मण प्रसाद को 18727 मत मिले, वे तीसरे नंबर पर रहे।
2017 विधानसभा चुनाव में धर्म पाल सिंह 63165 वोट प्राप्त करके विधायक बने थे। सपा के सिद्धराज सिंह निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे, उन्हें 59619 वोट मिले थे। दोनों प्रत्याशियों की हार का अंतर 3546 वोट था। वहीं 2022 चुनाव में धर्म पाल सिंह और आरके शर्मा के बीच जीत का यह अंतर 18 हजार से ज्यादा वोट का है।
बिल्सी छोड़ आंवला से लड़ा चुनाव
आरके शर्मा ने वर्ष 2007 में भाजपा प्रत्याशी धर्मपाल सिंह को हराकर आंवला विधानसभा की सीट बसपा के खाते में डाली थी। वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में जब बसपा ने उन्हें आंवला से टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद उन्होंने जनपद बदायूं की बिल्सी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और महज 21 दिन में विधायक बन गए थे। आरके शर्मा को 82,070 जबकि प्रतिद्वंद्वी बसपा के मुसर्रत अली बिट्टन को 55,091 मत हासिल हुए थे।
लेकिन भाजपा से चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में इनकी सक्रियता बहुत कम थी इससे क्षेत्रीय लोगों में असंतोष बना हुआ था। भाजपा से इनका टिकट कटना भी तय माना जा रहा था। वहीं 2022 चुनाव के लिए जन विश्वास यात्रा में जब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिल्सी पहुंचे थे तब भी वह उपस्थित नहीं हुए थे। इसके अलावा जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिला मुख्यालय पर जनसभा की थी तो सभी जन प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे लेकिन आरके शर्मा इसमें शामिल नहीं हुए थे।
इसके बाद चुनाव से ठीक पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष विधिवत सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। लेकिन इस बार चुनाव से पहले राजनैतिक दल बदलना उन्हें रास नहीं आया और करारी हार का सामना करना पड़ा है।