उझानी। ब्लॉक के गांव हजरतगंज में जलजमाव व गंदगी से परेशान ग्रामीणों का मंगलवार को सब्र का बांध टूट गया। बार-बार शिकायत करने पर भी जब जनप्रतिनिधियों-प्रशासनिक अधिकारियों ने समस्या का समाधान नहीं किया तो ग्रामीणों मे दिल्ली-बदायूं हाईवे पर जाम लगा दिया। बाद में पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया।
मंगलवार सुबह करीबन साढ़े 10 बजे दिल्ली-बदायूं हाईवे पर वाहनों की रफ्तार थम गयी। हजरतगंज के प्राथमिक स्कूल के सामने ही ग्रामीणों ने लकड़ियाँ डालकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। गांव की महिलाएं द्रोपादेवी, पूजा, मीना, सुषमा, रामकुमारी, लक्ष्मी, सुमन, नगीना भी हाईवे के बीचोबीच बैठ गई। करीबन आधे घंटे तक हाईवे जाम रहने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना पर कोतवाली पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को समझाया। जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही लकड़ियाँ हटा दी।
इसके बाद ग्रामीण पुलिस को लेकर गांव पहुँचे और अपनी समस्याएं दिखाई। गांव में दाखिल होने के लिए पुलिस को दीवार का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान अपने बच्चे को गोद में उठाए रास्ता पार कर रहे श्रीपाल कीचड़ में गिर गए। बाद में पुलिस समस्या को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने की बात कहकर लौट गयी।
गांव में लगा है गंदगी का अंबार
हजरतगंज गांव में गंदगी का अंबार लगा है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने हाईवे का निर्माण तो करवा दिया लेकिन नाला बनाना भूल गयी जिसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं। गाँव का तालाब ओवरफ्लो हो चुका है जिससे पानी की निकासी का कोई साधन नहीं है। कीचड़ के कारण दूर्गंध फैली रहती है। इससे लोगों का घरों में रहना दूभर हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़को पर भरे पानी कारण लोगों को आने-जाने में असुविधा होती है। सड़कों पर जलभराव रहने से कीचड़ की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी झेलनी पड़ती है। हर दिन कोई न कोई ग्रामीण चोटिल हो जाता है। बरसात के बाद गांव की गलियों में दो-दो फीट तक पानी भर जाता है। लोगों को पशुओं के लिए चारा लाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। गांव के रामकिशोर, महेंद्र, राजपाल, हरपाल, कल्लू, डालचंद्र, महावीर, रिंकू, बनवारी समेत दर्जनों ग्रामीणों के घरों में गंदा पानी जमा है।
मंत्री, विधायक, डीएम सबने कर दिया है अनसुना
ग्रामीणों ने हाईवे पर नाला निर्माण के लिए केन्द्रीय मंत्री बीएल वर्मा, विधायक, डीएम, एसडीएम, पीडब्ल्यूडी विभाग को लिखित शिकायत सौंपी है इसके बावजूद इस समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है।
गांव के युवा, बुजुर्ग एवं महिलाओं का कहना है कि चुनाव के समय तो नेता वोट मांगने के लिए आ जाते हैं और उस समय बड़े-बड़े वादे कर सभी समस्याओं को दूर करने की बात कहते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद गांव की तरफ कोई रुख नहीं करता और ग्रामीणों को अपने हाल पर जीने के लिए छोड़ देते हैं।