उघैती। उघैती थाना क्षेत्र के गाँव बाला किशनपुर में दबंगों द्वारा एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति की बिटिया की बरात गांव में नहीं चढ़ने देने का मामला सामने आया है। फ़िलहाल मामले में एक युवक की गिरफ्तारी हुई है।
उघैती थाने के गांव ‘बाला किशनपुर’ में करीबन 1500 यादव जाति और 100 जाटव अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं इसके अलावा गाँव में अन्य जातियों के भी दो-चार मकान हैं। गांव में अनुसूचित जाति के रमेश का घर है। रमेश कुल चार भाई हैं लेकिन अब सभी अलग अलग मकानों में गाँव में ही रहते हैं। गाँव के आखिरी छोर पर बने हुए इस घर में रमेश अपने परिवार के साथ करीबन 10 साल से रहते हैं। रमेश के तीन बेटे और दो बेटियां हैं। शनिवार 12 मई को रमेश की बड़ी बिटिया की शादी थी। रमेश के घर के ही पिछले दरवाजे के सामने करीबन 14 वीघा में फैले हुए खेत में शादी का पंडाल लगा हुआ था। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर निवासी रामजीमल अपने बेटे की बरात धूमधाम से लेकर रमेश के गांव पहुंचे थे। गाँव के प्रवेश द्वार पर एक सरकारी स्कूल बना हुआ है, जहाँ से दूल्हा बग्घी, बैंडबाजों के साथ बरात को रमेश के घर तक आना था।
बरात में बैंडबाजे बजना शुरू होते ही गांव के ही यादव जाति के लोग वहां पहुंच गए। जिसके बाद बैंडबाजे बंद करवा दिए गये और दूल्हे को बग्घी से उतार दिया गया जब बरातियों ने विरोध किया तो दबंगों ने बरातियों को पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद बराती खेतों से भागते हुए रमेश के घर आ गये।
रमेश के छोटे बेटे सुरेश के मुताबिक वो पंडाल में लोगो को खाना खिला रहे थे अचानक ही उनको खबर मिली कि बरात पर हमला हुआ है और वो दौड़ जाते हैं। सुरेश बताते हैं कि उन्होंने माईक से आवाज लगाकर हमला करने की वजह पूछी लेकिन गाँव के यादव दबंगो ने उनकी एक बात नहीं सुनी। सुरेश के दोनों हाथों में चोट हैं, सीने में खींचतान में बने हुए लाल निशान बने हुए हैं। सुरेश के मुताबिक सपा के गुंडों ने उन पर धारदार हथियार से हमला किया उन्होने नीचे झुकते हुए दोनों हाथों को सिर पर रख लिया जिससे दोनों हाथों में चोट आई है।
सुरेश के पिता रमेश कहते हैं कि बरात पर हुए हमले के दौरान वो पंडाल में थे, अचानक ही बराती खेतों से होते हुए पंडाल की ओर आ गए। जब सुरेश वहां गया तो उसे भी पीट दिया गया। वहीं दामाद भी वहां से पैदल घर तक आ गए और इस हमले को अपमान बताते हुए बरात वापस ले जाने की बात कहने लगे हालाँकि काफी समझाने के बाद वो मान गये। उन्होंने तुरंत ही 100 डायल पर पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने दामाद सहित सभी बारातियों को लेकर वापस गाँव के प्रवेश द्वार पर पहुंची वहां फिर से बारात चढ़वाई गयी। रमेश कहते हैं कि यादवों ने इससे पहले भी अन्य जातियों के साथ ऐसा ही दुर्व्यवहार किया है।
रमेश के घर में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष नदीम शेख और जिलामहासचिव मो. अहमद मौजूद हैं। नदीम कहते हैं कि आजादी के 70 साल बाद भी एक दलित अपनी बेटी की बरात की खुशी नहीं मना सकता है तो हालात चिंताजनक हैं। नदीम का कहना है कि अगर कल तक सभी आरोपियों को एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया तो उनकी पार्टी आन्दोलन करने सड़क पर नजर आएगी।
कुछ ही वक्त बाद शादी की रस्म के तहत रसूलपुर से दामाद और बेटी भी आ जाते हैं। दामाद कहते हैं कि हमलावरों ने बारातियों के साथ जमकर मारपीट की जिसके बाद हम खेतों में भागने को मजबूर हुए। उनके ममेरे भाई नेत्रपाल को भी चोटें आई हैं।
दबंगों के उत्पात के बाद पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया है। मुकदमा कायम होने के बाद आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिश देकर दे रही है। सीओ बिल्सी इरफान नासिर ने भी घटना स्थल का मुआयना कर ग्रामीणों से घटना के संबंध में बातचीत की है।
वहीं दूसरी ओर अभियुक्त के एक परिवार का कहना है कि उनके घर के युवकों को फंसाया जा रहा है। घर के बाहर ही महिलाएं जमा हैं, अभियुक्त की पूर्व प्रधान माँ कहती हैं कि बारात के वक्त घर के दोनों युवक राजेश और राकेश घर में ही मौजूद थे, हमारे यहाँ से कोई नहीं गया है। राजेश की माँ के मुताबिक बरात पर प्रधान यशपाल यादव के पक्ष ने हमला किया हैं। लेकिन हमे फंसाया जा रहा है। उनके मुताबिक आज सुबह पुलिस ने राजेश और राकेश को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं उघैती थाने से एसआई अरविन्द बताते हैं कि मामले में अभी राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी पर गाली गलौच, मारपीट और एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया है अन्य लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा।