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शिवपाल यादव लड़ेंगे बदायूं से चुनाव, सपा ने काटा धर्मेंद्र का टिकट

बदायूं। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपने उम्मीदवार में बड़ा बदलाव कर दिया है। मंगलवार को पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की गई है। इसमें पांच उम्मीदवारों के नाम हैं। शिवपाल सिंह यादव को अब बदायूं से लोकसभा चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई है। पहले समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव के नाम का ऐलान किया था।

समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में लिस्ट में कैराना से इकरा हसन, बरेली सीट से प्रवीण सिंह ऐरन, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत और वाराणसी से सुरेन्द्र सिंह पटेल को टिकट दिया है। इसमें बदायूं से प्रत्याशी बदल दिया गया है। यहां से अब शिवपाल सिंह यादव चुनाव लड़ेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पहली सूची में धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित किया था। शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वोटरों में ज्यादा अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह मुलायम सिंह यादव के समय से यादवों और मुस्लिम मतदाताओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं। धर्मेंद्र की तरह उन्हें परिवार की पहचान की दरकार नहीं है।

बदायूं से बेटी के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे मौर्य!
वहीं बदायूं की मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्या स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। बताया जाता है कि अबकी बार इस सीट से उनके लिए सपा से टिकट की मांग कर रहे थे। क्योंकि स्वामी मौर्य को आशंका है कि उनके बयानों की वजह से इस बार बदायूं से बीजेपी संघमित्रा का टिकट काट भी सकती है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले सपा महासचिव का पद छोड़ा और फिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। वैसे उन्होंने गुरुवार को अपनी अगली रणनीति के ऐलान की बात कही है लेकिन माना जा रहा है कि वह नई पार्टी बनाएंगे और इस बार संघमित्रा बदायूं से अपने पिता की पार्टी की उम्मीदवार हो सकती हैं।

बता दें साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी में धर्मेंद्र यादव ने 155000 वोटों से बीजेपी के वागीश पाठक को हराया था। इस जीत ने धर्मेंद्र यादव की लोकप्रियता को सिद्ध किया। साल 2019 में जब सपा और बसपा का गठबंधन हो गया था, तब बदायूं की सीट मजबूत मानी जा रही थी लेकिन बीजेपी ने स्वामी प्रसाद यादव की बेटी संघमित्रा मौर्या को अपना उम्मीदवार बनाया। अतिआत्मविश्वास के चलते धर्मेंद्र यादव को हार का मुंह देखना पड़ा। संघमित्रा ने 18000 वोटों से जीत दर्ज कर बीजेपी का 28 साल का सूखा खत्म कर बदायूं में सपा का किला ध्वस्त किया था।

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