बदायूं। बदायूं पुलिस ने मंगलवार को पुलिस झंडा दिवस मनाया। इस मौके पर पर सिविल लाइंस पुलिस कार्यालय और सभी थानों में पुलिस ने ध्वजारोहण किया। इसके साथ ही ध्वज के प्रतीक को वर्दी पर धारण कर गर्व का अनुभव किया।
एसएसपी ओपी सिंह ने सिविल लाइंस स्थित पुलिस कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। इसके बाद वहां मौजूद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी यूपी का संदेश पढ़कर सुनाया व यूपी पुलिस के शौर्य, कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देकर पुनः कृतसंकल्पित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कर्तव्य निर्वहन करते हुए पुलिस ध्वज की गरिमा बनाए रखने को प्रेरित किया एसएसपी ने कहा कि 23 नवंबर का दिन पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। यह ध्वज पुलिस के गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रतीक है। इससे पुलिसकर्मियों में नई ऊर्जा का संचार होता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस पर कई जिम्मेदारियां हैं। उन्हीं जिम्मेदारी के बखूबी निर्वहन के कारण लोग पुलिस पर भरोसा करते हैं। हमें लोगों में पुलिस के प्रति गलत धारणा को मिटाना है। हमें आम लोगों का विश्वास हासिल करना है। यह तभी हो सकता है जब हम अपना कर्त्तव्य निष्पक्षता पूर्वक करेंगे। हम आमजन की सुरक्षा के लिए हैं। उनकी सुरक्षा ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इसी तरह जिले के सभी थानों, चौकी में भी पुलिस ध्वज फहराया गया। इस दौरान थानों में भी सभी पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि यूपी में 23 नवम्बर को ‘पुलिस झंडा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवाें के बीच हुए धर्म युद्ध में अर्जुन के रथ पर भी ध्वज पताका थी। ध्वज को धर्म की अधर्म पर विजय की प्रेरणा के तौर पर माना जाता है। ध्वज कर्तव्य का पाठ और मूल्यों के लिए संघर्ष, समर्पण सिखाता है। चूंकि पुलिस या सेना भी समाज में बुराई को दंंडित कराने और अच्छाई जीवित रखने के लिए, बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कार्य करती है इसीलिए पुलिस को उनके शौर्य के लिए सम्मानित करते हुए 23 नवम्बर 1952 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘पुलिस कलर’ (पुलिस ध्वज) प्रदान किया था। इसी दिन पीएसी को भी ध्वज प्रदान किया गया था।
पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्द, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। यह सिलसिला 23 नवंबर 1952 से लगातार जारी है।