लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने धार्मिक ग्रन्थ रामचरितमानस को लेकर बेहूदा बयान दिया है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि रामचरितमानस बकवास है। इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की एक चौपाई है जिसमे कहा गया की ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो।
चुनाव में जनता देगी जवाब
बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी ने सपा नेता मौर्य के कथित विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जब तक भारतीय जनता पार्टी में थे तब तक कभी भी उनके मुंह से कोई बदजुबानी नहीं सुनी लेकिन जब से समाजवादी पार्टी के साथ गए तो जानबूझकर समाजवादी पार्टी के एजेंडे के तहत हिंदुओं को अपमानित करने के लिए और तुष्टिकरण करने के लिए आज वो रामचरितमानस का इस तरह से विरोध करने का काम कर रहे हैं।
त्रिपाठी ने आगे कहा, ”जबकि यह बात सच है कि हर घर-घर में रामचरितमानस गाई जाती है। जनता से वो पूरी तरह से कट गए हैं और इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास जी की आज रामचरितमानस का अपमान करने का प्रयास कर रहे हैं और इसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ेगा। जब भी चुनाव होंगे को जनता अपना जवाब ईवीएम में अपना बटन दबाकर के देगी।”
स्वामी प्रसाद को पड़ रहा पागलपन का दौरा
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के राम चरित मानस पर प्रतिबंध लगाने और ग्रंथ को बकवास कहने पर विहिप भड़क उठी है। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि हिंदू धर्मग्रंथ श्रीरामचरितमानस पर पूर्व मंत्री सपा नेता स्वामीप्रसाद मौर्य जैसे अज्ञानी प्रतिबंध लगाने की बेतुकी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा सत्ता ना मिलने के कारण उन्हें पागलपन का दौरा पड़ रहा है। रामचरित मानस एक पुस्तक नही यह मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने का अमृत कुंभ है। अयोध्या को रक्त रंजित करने वालों के हमसफर मौर्य ने श्रीराम भक्तों का अपमान किया है। मानसिक विक्षिप्त श्रीराम विरोधी को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए।