लखनऊ। बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने दस कीटनाशकों के प्रयोग को प्रतिबंधित किया है। हालाँकि यह प्रतिबन्ध दो माह के लिए लागू किया गया है। इन कीटनाशक के इस्तेमाल से रसायनों के अवशेष चावल में पाए जा रहे हैं, जिससे निर्यात प्रभावित हो रहा है।
एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी) ने कृषि विभाग को जानकारी दी है कि यूरोपीय संघ द्वारा बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर 0.01 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) निर्धारित किया गया है। चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल निर्धारित एमआरएल से अधिक पाए जाने के कारण इसके यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों के निर्यात में कमी आई है।
इन कीटनाशकों पर लगाई गई रोक
बासमती की खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफास, हेक्साकोनोजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, इमिडाक्लोप्रिड व कार्बेंडजिम कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और प्रयोग को रोका गया है।
बासमती के लिए वैकल्पिक कीटनाशक
नीम ऑइल, ट्राइकोडर्मा, ब्युवेरिया बेसियाना, स्यूडोमोनास, मैटाराइजियम, बीटी, एनपीवी, लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप, स्टिकी ट्रैप और ट्राईकोकार्ड।
30 जिलों में प्रतिबंधित हुईं कीटनाशक
यूपी के 30 जिलों आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदांयू, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर व संभल में बासमती चावल में कीटनाशकों का प्रयोग प्रतिबंधित किया गया है।