बहराइच। जनपद में तीन मासूमों व महिला की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। शासन स्तर चर्चित इस नृशंस हत्याकांड के पीछे लाखों की रकम हड़पने का मामला उजागर हुआ है। मां व तीन बच्चे एक ही परिवार के थे। इस मामले में पुलिस ने तीन हत्यारोपियों ननकू, सलमान खान, दानिश खान को जेल भेज दिया है।
11 सितंबर को फखरपुर के थाना क्षेत्र के गजाधरपुर ग्राम पंचायत के बसंतापुर संपर्क मार्ग पर सड़क किनारे गन्ने के खेत में 8 वर्ष के लड़के व 10 वर्ष की लड़की का शव फेंका गया था। पुलिस की जांच के बीच घटना के 24 घंटे नहीं बीते थे कि 12 सितंबर को लखनऊ-बहराइच हाईवे से 100 मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत माधवपुर निवासी रामगोपाल के धान के खेत से चार वर्षीय बालिका व बालकराम के गन्ने के खेत में 35 वर्षीय महिला का सिर कटा शव बरामद हुआ था।
दोहरे हत्याकांड ने पुलिस के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी तो उनके गश्त पर भी सवाल उठने लगे। घटना स्थल का दौरा देवीपाटन मंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक डा. राकेश सिंह ने किया और जल्द से जल्द राजफाश करने के निर्देश दिए। एसपी ने कमान संभालते हुए तकरीबन दो सौ पुलिसकर्मियों की फौज लेकर पूरे इलाके को खंगलवाया।
तीन मासूमों व एक महिला का सिर काटकर की गई हत्या के मामले में पुलिस की एक टीम नेपाल भी गई। फखरपुर इलाके की एक महिला पति की मौत के बाद अपने बच्चों को लेकर नेपाल में जाकर बस गई थी और दूसरी शादी कर ली थी। आशंका जताई जा रही थी कि दूसरे विवाह के बाद रोड़ा बन रहे बच्चों को रास्ते से हटाने के लिए उनकी हत्या कर यहां फेंका गया है लेकिन नेपाल पहुंची पुलिस टीम जांच में सारी आशंका खारिज होने के बाद बैरंग लौट आई।
आईजी डॉ. राकेश सिंह ने एसपी सुजाता सिंह के निर्देशन में कैसरगंज सीओ कमलेश सिंह को विवेचक बनाकर चार टीमें गठित की। जिसमें एसओजी प्रभारी मुकेश सिंह व सर्विलांस प्रभारी निखिल श्रीवास्तव की टीमों ने अहम रोल निभाया। पुलिस की मेहनत रंग लाई। इसके बाद पुलिस टीम महाराष्ट्र पहुंच गई, जहां से उन्हें पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गयी।
आईजी ने बताया कि जांच के दौरान ग्रामीणों ने हत्यारों का हुलिया बताया तो टीम ने लखनऊ जाने वाले मार्ग पर होटल व ढाबे पर सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। जिसमें कुछ जगहों पर हुलिया व उम्र मिलती दिखी तस्वीरें व फुटेज सामने आए। उसके बाद टीम ने लखनऊ के आसपास होटलों को खंगाला तो एक होटल के सीसीटीवी में वही लोग दिखे। वहां पर टीम को उनका नाम व नंबर मिला। उसके बाद टीम ने कड़ी से कड़ी को जोड़ना शुरू किया। टीम ने रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट को खंगाला तो होटल में दर्ज नाम व उम्र का मिलान हुआ। टीम तत्काल मुंबई रवाना हुई और सर्विलांस की मदद से हत्यारोपियों के पास पहुंची और उनको हिरासत में लेकर बहराइच आई।
पकड़े गए हत्यारोपियों की पहचान फखरपुर थाना क्षेत्र के ततेहरा गांव निवासी ननकू पुत्र मुबारक अली, सलमान खान पुत्र उस्मान खान व दानिश खान पुत्र नसीम खान के रूप में हुई। हत्यारोपियों से पूछताछ के दौरान अज्ञात शवों की शिनाख्त हुई। हत्यारोपियों ने बताया कि 35 वर्षीय महिला मैरी काशी कत्रायन पुत्री काशी कत्रायन, 11 वर्षीय राजाती, सात वर्षीय जोसेफ व चार वर्षीय सौंदर्या निवासी मुमरा देवी आर्केड दिवा ईस्ट थाना मुम्ब्रा जिला थाणे राज्य महाराष्ट्र के रहने वाले थे। सभी ने महिला का मकान बेचे जाने के बाद मिले 60 लाख रुपये हड़पने व छुटकारा पाने के लिए हत्याकांड को अंजाम देने की बात स्वीकार की।
आईजी डॉ. राकेश सिंह व एसपी सुजाता सिंह ने बताया कि ननकू पुत्र मुबारक अली अपने गांव से महाराष्ट्र कमाने गया था। महाराष्ट्र के जिला थाणे के दिवा में एक इडली डोसा की दुकान में काम करता था। जहां पर ननकू की मुलाकात मैरी से हुई। जो अपने पति से अलग रहती थी। वह भी दुकान में काम कर रही थी। दुकान पर काम करने के दौरान ननकू व मैरी की दोस्ती हुई और प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। ननकू ने बच्चों संग दोबारा बेहतरीन जीवन जीने का सपना दिखाकर मैरी की संपत्ति को बिकवा दिया। बिक्री से तकरीबन 60 लाख रुपये प्राप्त हुए थे।
इसके बाद मैरी लगातार ननकू के ऊपर शादी करने का दबाव बनाती थी। ननकू के गांव घूमने चलने व शादी का दबाव डालने पर ननकू परेशान हो गया। ननकू पहले से ही शादीशुदा था। मैरी से छुटकारा पाने के लिए ननकू ने अपने ही गांव के रहने वाले सलमान खान व दानिश खान के साथ मिलकर मैरी और उसके बच्चों को मार डालने की साजिश रच डाली। नौ सितंबर को ट्रेन के माध्यम से मुंबई से चले और 10 सितंबर को बहराइच आए। उसके बाद तीनों ने मिलकर अलग-अलग स्थानों पर तीनों बच्चों व मां का गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। उसी रात वापस लखनऊ पहुंचे और ट्रेन से मुंबई चले गए।
आईजी राकेश सिंह ने बताया कि टीम की कड़ी मशक्त के बाद सात दिन के अंदर दो दोहरे हत्याकांड का खुलासा हुआ है। घटना का अनावरण करने वाली टीम को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक लाख रुपये, आईजी द्वारा 50 हजार रुपये व एसपी सुजाता सिंह द्वारा 25 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।