उझानी। नगर के बुध बाजार के विरोध में व्यापारी लामबंद हो गए हैं। व्यापारियों ने दूसरे शहर से आकर रामलीला ग्राउंड में लगने वाले बुध बाजार पर रोक लगाने की मांग की है। बाजार को बंद कराने के लिए ज्ञापन का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि साप्ताहिक बाजार में सस्ती दरों पर सामान मिलने की वजह से लोग खरीदारी के लिए मुख्य बाजार नहीं पहुँच रहे हैं।
कस्बे में साप्ताहिक बंदी के दिन नगर के रामलीला ग्राउंड में लगने वाले बाजार को लेकर स्थानीय व्यापारियों में नाराजगी है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल में उनका पूरा व्यावसाय चौपट हो गया। लॉकडाउन में उनकी दुकानें बंद रही और उसका भी किराया उनको देना पड़ा। इसके अलावा कर्मचारियों का वेतन, बिजली का बिल, जीएसटी भी चुकाना भारी पड़ गया लेकिन अब जब व्यापार पटरी पर आ रहा है, तो बाहर से आने वाला बुध बाजार हमारे रोजगार को बिगाड़ रहा है।
वहीं रामलीला धर्मशाला और धर्मार्थ कामधेनु गौशाला के प्रबंधक सर्वेश गुप्ता ने बताया कि साप्ताहिक बाजार हर शहर, जिले में लगाया जाता है। उझानी में इस बाजार की लगाने की प्रक्रिया लम्बे वक्त से चल रही थी, इससे पहले किसी ने एतराज नहीं जताया। इसके लिए करीबन एक साल का करार हुआ है, बाजार से गरीबों को खासी राहत मिल रही है। साथ ही इससे मिलने वाले धनराशि गौशाला में दान की जा रही है।
खास मायने रखता है बुध बाजार
रामलीला ग्राउंड में लगने वाले बुध बाजार का जहां विरोध हो रहा है, वहीं लोगों को यह साप्ताहिक बाजार खूब पसंद आ रहा है। साप्ताहिक बंदी के दिन लगने वाले बुध बाजार में गैर जनपदों व जनपद के अनेक स्थानों से व्यापारी आते हैं और फड़ लगाकर अपना कारोबार करते हैं। जरूरत का हर सामान बाजार से कम कीमत में मिल जाने के कारण गरीब ही नही आम नागरिक के लिए बुध बाजार के खास मायने हैं। दो सप्ताह में ही यह बाजार इतना लोकप्रिय हुआ कि भारी भीड़ जुट रही है, साप्ताहिक बाजार में शहर व गांव के काफी संख्या में लोग खरीदारी को आ रहे हैं। खासकर इस बाजार में महिला ग्राहकों की भीड़ काफी संख्या में होती है।