बदायूं। उसहैत थाना क्षेत्र के गांव सथरा में हुए तिहरा हत्याकांड में पुलिस ने 15 हजार का इनामी शूटर समेत दो आरोपी गिरफ्तार किए हैं। जबकि एक हिस्ट्रीशीटर व मुख्य आरोपी का बेटा अभी भी फरार हैं। इससे पहले पुलिस ने मुख्य आरोपी और उसके बेटे को जेल भेज दिया था।
उसहैत के पूर्व ब्लॉक प्रमुख राकेश गुप्ता, उनकी पत्नी व माँ की घर में ही बीते माह 31 अक्टूबर की शाम गोली मारकर वीभत्स हत्या कर दी गयी थी। राकेश के भाई राजेश गुप्ता ने इस मामले में रविंद्र पाल दीक्षित, उसके बेटे सार्थक दीक्षित, अर्चित दीक्षित समेत उनके चालक विक्रम उर्फ विक्की और दो अज्ञात के खिलाफ हत्या, बलवा और साजिश रचने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने रविंद्र और उसके बेटे सार्थक को बाद में गिरफ्तार कर लिया था।
शुक्रवार को पुलिस ने मुख्य शूटर विक्रम उर्फ विक्की और अवनीश को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सथरा गांव के ही रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि विक्रम मुख्य आरोपी रविंद्र का दाहिना हाथ था। वह असलहे लेकर उसके साथ चलता था। इस हत्याकांड में फरार होने के बाद उस पर पंद्रह हजार का इनाम था।
इस हत्याकांड में एक आरोपी अवनीश प्रकाश में आया है, अवनीश सबसे पहले मृतक राकेश गुप्ता के घर का दरवाजा खुलवाकर अंदर दाखिल हुआ और सुनियोजित ढंग से उनसे बात करने लगा। इसी बीच बाकी के आरोपी घुसे और गोलियां मारकर तीनों की हत्या कर डाली। एसओ उसहैत अवधेश सेंगर ने बताया कि चांद मियां नाम का शूटर समेत रविंद्र के दूसरे बेटे अर्चित दीक्षित की तलाश की जा रही है। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
राजनीतिक रंजिश में हुआ था हत्याकांड
राकेश गुप्ता समेत तीन लोगों की हत्या राजनैतिक रंजिश में हुई थी। राकेश के पिता रामकृष्ण गुप्ता पर रविन्द्र दीक्षित के पिता रामदेव दीक्षित की हत्या का आरोप लगा था। वर्ष 2007 में राकेश गुप्ता के भाई नरेश गुप्ता की उनके ही घर सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें रविन्द्र दीक्षित का नाम सामने आया था।
2007 में बने थे ब्लॉक प्रमुख
राकेश गुप्ता के परिवार का राजनीति से पुराना नाता था। साल 2007 में बसपा शासनकाल में वह उसावां के ब्लाक प्रमुख थे। जबकि उनकी मां भी ग्राम प्रधान रही थीं। वह खुद सपा शासनकाल में साल 2015 में जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। उनके छोटे भाई राजेश की पत्नी संध्या गुप्ता भी सपा शासन में ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं।